बिहार: गोमांस ले जाने के संदेह में मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या, तीन गिरफ़्तार

बिहार के छपरा ज़िले में हुई घटना. मृतक की पहचान सीवान ज़िले के हसनपुर गांव के रहने वाले 56 वर्षीय नसीम क़ुरैशी के रूप में हुई है. मृतक के ​परिजनों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है.

बिहार में ज़हरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत, सात अन्य बीमार

बिहार के सीवान ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की एक टीम को इलाके में तैनात कर दिया गया है. संबंधित थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. अब तक कुल 16 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

नकली शराब के सेवन से पिछले छह वर्षों में 7,000 लोगों की मौत: लोकसभा में पेश आंकड़े

एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि बिहार में वर्ष 2016 में लागू हुई शराबबंदी के बाद से पांच सालों में राज्य में कम से कम 20 ज़हरीली शराब की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 200 से अधिक मौतें हुईं. अकेले 2021 में ही 9 घटनाएं हुईं और 106 लोगों की मौत हुई. इसके विपरीत, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पांच सालों में केवल 23 मौतें दिखाता है.

ज़हरीली शराब त्रासदी: बिहार के दो अन्य ज़िलों में आठ और लोगों की मौत

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से छपरा से सटे सिवान ज़िले में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि बेगूसराय में दो अन्य लोगों की मौत हो गई. बीते दिनों ज़हरीली शराब पीने से छपरा में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई थी.

बिहार शराब त्रासदी: मुख्यमंत्री के मुआवज़े से इनकार के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका

बिहार के एक संगठन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें एसआईटी द्वारा ज़हरीली शराब त्रासदी की स्वतंत्र जांच के साथ ही राज्य सरकार को पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा देने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. बिहार के छपरा ज़िले में हुई शराब त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुआवज़ा देने से इनकार कर दिया है.

नीतीश के ‘जो पिएगा, वो मरेगा’ बयान की आलोचना, विभिन्न नेताओं ने शर्मनाक और असंवेदनशील क़रार दिया

बिहार के छपरा ज़िले ज़हरीली शराब पीने की वजह से बीते कुछ दिनों में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को लेकर विभिन्न नेताओं ने उन पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बिहार में शराब का अवैध कारोबार एक ‘समानांतर अर्थव्यवस्था’ बन गया है.

बिहार में ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 39 लोगों की मौत

बिहार के छपरा ज़िले का मामला. बीते अगस्त महीने में भी इस ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी. नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.

बिहार के छपरा ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से फिर सात लोगों की मौत

बीते चार जुलाई को बिहार के छपरा ज़िले में ही कथित ज़हरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले साल नवंबर के बाद से राज्य में ज़हरीली शराब से जुड़ी कई घटनाएं हुईं, जिनमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

बिहार में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 13 लोगों की मौत

बिहार के छपरा ज़िले का मामला. कथित ज़हरीली शराब पीने वाले कुछ लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है. पुलिस ने बताया कि पांच लोगों को कथित रूप से अवैध शराब बनाने और उसकी बिक्री में शामिल होने को लेकर गिरफ़्तार किया गया है, जबकि संबंधित थाने के एसएचओ और स्थानीय चौकीदार को निलंबित किया गया है. राज्य में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है.

बिहारः यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में डांस करने पर निलंबित 13 शिक्षकों बोले- कुछ ग़लत नहीं किया

मामला छपरा की जेपी यूनिवर्सिटी का है, जहां बीते दिसंबर में एक कार्यक्रम में बाद वायरल हुए वीडियो में कुछ शिक्षक हिंदी गीतों पर नाचते देखे गए, जिसे लेकर एक कॉलेज प्रिंसिपल सहित 12 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया. शिक्षकों ने निलंबन को ग़लत बताते हुए कहा है कि यह अनुचित मोरल पुलिसिंग है.

क्या बिहार में कोरोना से ज़्यादा मौतें क्वारंटीन सेंटर्स में हुई हैं?

बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार शाम तक राज्य में कोरोना संक्रमण से 25 मौतें हुई हैं. सरकार द्वारा क्वारंटीन सेंटर्स में हुई मौतों के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 10 ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर्स में 20 से अधिक जानें जा चुकी हैं.

बिहार: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बदहाल क्वारंटीन व्यवस्थाओं में रहने को मजबूर कामगार

बिहार के विभिन्न ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर लगातार खाने-पीने और स्वच्छता संबंधी अव्यवस्थाओं की शिकायत कर रहे हैं. कुछ सेंटर में रहने वाले कामगारों का यह भी आरोप है कि उनके इस बारे में शिकायत करने के बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है.

बिहार: छपरा में मवेशी चोरी के आरोप में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या

आरोप है कि तीनों लोग मवेशी चोरी के लिए एक घर में घुसे थे, तब ग्रामीणों ने इन्हें पकड़कर बेरहमी से पिटाई की. मामले में अब तक पुलिस किसी को गिरफ़्तार नहीं कर सकी है.