भारत को बचाने की लड़ाई हम में से हरेक को लड़नी होगी

भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले हम सभी लोगों के सामने यह चुनने का रास्ता है कि या तो हम इंसाफ़ की एक साझी सोच की दिशा में काम करें, उस दर्द और नफ़रत को दूर करने के लिए, जो हमारी सारी सामूहिक स्मृतियों को निगल रहे हैं, या फिर इन हालात को और बिगड़ने दें.

कोर्ट ने उमर ख़ालिद के भाषण को ‘घृणित, नफ़रत से भरा’ बताया, पर असल में उन्होंने क्या कहा था

उमर ख़ालिद ने फरवरी 2020 में महाराष्ट्र के अमरावती में दिए गए भाषण में मोदी सरकार की आलोचना की थी, सीएए विरोधी आंदोलन का उल्लेख किया था और नफ़रत को प्यार से जीतने की बात कही थी.

भारत की ‘अल्पसंख्यक विरोधी छवि’ घरेलू कंपनियों को नुकसान पहुंचाएगी: रघुराम राजन

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की चिंताओं के बीच एक कार्यक्रम में कहा कि भारत की साख लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए रही है, लेकिन अब उसे छवि की लड़ाई लड़नी पड़ रही है.

डीयू के दो कॉलेज ने अभिव्यक्ति की आज़ादी, लोकतंत्र पर कार्यक्रम के निमंत्रण रद्द किए: राजद सांसद

राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि वे संसद सत्र के दौरान भी विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं लेते हैं. उनकी आवाज़ उन कॉलेजों के लिए कैसे ख़तरा हो सकती है जब यह संसद में ख़तरा नहीं है. उन्होंने कॉलेजों का नाम लिए बिना कहा कि निमंत्रण रद्द करने के लिए कार्यक्रम की प्रकृति में बदलाव का हवाला दिया गया है.

न्यायाधीशों की नियुक्ति न्यायाधीश करते हैं, यह धारणा ग़लत है: एनवी रमना

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कॉलेजियम प्रणाली का बचाव करते हुए कहा कि न्यायिक नियुक्तियों पर उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले जनता के विश्वास को बनाए रखने के मक़सद से होते हैं. न्यायाधीशों की नियुक्ति लंबी परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से होती है, जहां कई हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाता है.

सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल, केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए हो एक स्वतंत्र निकाय: सीजेआई

देश के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सीबीआई के एक आयोजन को संबोधित करते हुए कहा कि शुरुआत में सीबीआई पर जनता को भरोसा था, लेकिन समय बीतने के साथ हर प्रतिष्ठित संस्था की तरह सीबीआई भी सार्वजनिक जांच के घेरे में आ गई है. इसके कार्यों और निष्क्रियता ने कुछ मामलों में इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. 

कर्नाटकः कांग्रेस ने 19 लाख ‘गायब’ ईवीएम का मुद्दा उठाया, चुनाव आयोग को तलब करने की मांग

राज्य विधानसभा में चुनावी सुधारों को लेकर विशेष चर्चा के दौरान पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक एचके पाटिल ने इस मामले पर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगने के लिए स्पीकर पर दबाव डालने के लिए आरटीआई जवाबों का हवाला दिया है.

चुनावी राजनीति में सोशल मीडिया कंपनियों के सुनियोजित प्रभाव और दखल पर रोक लगे: सोनिया गांधी

लोकसभा में शून्य काल के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अल जज़ीरा और द रिपोर्टर्स कलेक्टिव द्वारा प्रकाशित फेसबुक के एल्गोरिदम संबंधी उन रिपोर्ट्स का ज़िक्र किया जिनमें इस सोशल मीडिया कंपनी द्वारा विपक्षी राजनीतिक दलों की तुलना में भाजपा को सस्ती दरों पर विज्ञापन देने का ख़ुलासा हुआ था.

विधानसभा चुनाव परिणाम: आशा और आशंका के बीच जनतंत्र कहां है

जनादेश जब इस क़िस्म का हो कि मतदाताओं का एक तबका उसमें ख़ुद को किसी तरह शामिल न कर पाए, तो उसके मायने यही होंगे कि जनता खंडित हो चुकी है.

हिंदू राष्ट्रवाद भारत को तोड़ सकता है, पर देश एक दिन इसका विरोध करेगाः अरुंधति रॉय

द वायर के लिए करण थापर को दिए साक्षात्कार में अरुंधति रॉय ने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति बहुत ही निराशाजनक है लेकिन मुझे भारत के लोगों पर भरोसा है और उम्मीद है कि देश एक दिन इस अंधेरी सुरंग से बाहर निकलेगा.

संविधान निर्माण के समय सोशलिस्ट पार्टी का सुर अलग क्यों था

दिसंबर 1946 में स्वतंत्र भारत के लिए जब एक नया संविधान बनाए जाने की कवायद शुरू हुई और संविधान सभा का गठन किया गया तो कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के नेताओं ने यह कहते हुए इसका बहिष्कार किया कि यह 'एडल्ट फ्रेंचाइज़' यानी बालिग मताधिकार के आधार पर आधारित चुनी हुई सभा नहीं है.

महाराष्ट्र: भाजपा विधायकों के निलंबन पर कोर्ट ने कहा- इसके लिए कोई प्रबल कारण होना चाहिए

पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र के 12 भाजपा विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. राज्य सरकार ने उन पर विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. विधायकों ने अपने निलंबन पर विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्य से परे दिए अपने वक्तव्यों पर कभी शर्मिंदगी नहीं होती

बीते दिनों गोवा में दिए एक भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने पुर्तगाली शासन संबंधी ग़लत ऐतिहासिक तथ्यों को पेश किया. इसके बाद उनके भाषण लेखकों की गुणवत्ता पर सवाल उठना लाज़मी था, लेकिन लगता है कि उन्हें यह भरोसा हो चला है कि यशस्वी प्रधानमंत्री के मुख से निकली बात की पड़ताल कोई नहीं करता.

मीडिया को न्यायपालिका पर विश्वास करना चाहिएः सीजेआई एनवी रमना

मुंबई प्रेस क्लब द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित ‘रेड इंक अवॉर्ड्स’ समारोह में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने ख़बरों में वैचारिक पूर्वाग्रह मिलाने की प्रवृत्ति को लेकर कहा कि तथ्यात्मक रिपोर्ट्स में रायशुमारी से बचना चाहिए. पत्रकार, जजों की तरह ही होते हैं. उन्हें अपनी विचारधारा और आस्था से परे बिना किसी से प्रभावित हुए केवल तथ्यों को बताना चाहिए और सच्ची तस्वीर पेश करनी चाहिए.

1 9 10 11 12 13 22