अगले शैक्षणिक वर्ष से राज्य में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति ख़त्म कर दी जाएगी: कर्नाटक सीएम

अगस्त 2021 में कर्नाटक उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया था. हालांकि, मई में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसे ख़त्म करने का वादा किया था.

शिक्षा के भगवाकरण में ग़लत क्या है: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में शिक्षा की मैकाले व्यवस्था को पूरी तरह से ख़ारिज करने का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षा के भगवाकरण को लेकर इतना हंगामा क्यों है. उन्होंने भारतीयों से औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने और भारतीय पहचान को लेकर गौरवान्वित होने को कहा है.

करीब 15 करोड़ बच्चे एवं युवा देश की औपचारिक शिक्षा व्यवस्था से बाहर: शिक्षा मंत्री

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि क़रीब 25 करोड़ आबादी साक्षरता की बुनियादी परिभाषा के नीचे है. सरकारी, निजी एवं धर्मार्थ स्कूलों, आंगनवाड़ी, उच्च शिक्षण संस्थानों एवं कौशल से जुड़ी पूरी व्यवस्था में 3 से 22 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों एवं युवाओं की संख्या 35 करोड़ है, जबकि देश में इस आयु वर्ग की आबादी 50 करोड़ है. 

आज गणमान्यों के सामने घुटनों पर झुके बच्चे क्या कल एक नागरिक के तौर पर खड़े हो पाएंगे

मणिपुर के मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में घुटनों पर झुके स्कूली बच्चों को देखकर विचार आता है कि आज वरिष्ठों के सामने सजदे में खड़े होने के लिए मजबूर करने वाला वातावरण उन्हें सवाल करने के लिए तैयार करेगा या सब चीज़ें चुपचाप स्वीकार करने के लिए?

आधुनिक शिक्षा व्यवस्था आदिवासियों को उनका अस्तित्व बचा पाने के रास्ते क्यों नहीं दिखा पाती

आधुनिक शिक्षा का पूरा ढांचा वर्चस्ववादी संस्कृति और मानसिकता से खड़ा किया गया है, जिसमें आदिवासी समाज कहीं फिट नहीं बैठता. उसकी पूरी जीवन शैली, जीवन दर्शन और दुनिया अलग है, जिसे वर्चस्ववादी नज़रिये से नहीं समझा जा सकता.

बिहार इंटर रिज़ल्ट: जिन छात्र-छात्राओं को कॉलेज में होना चाहिए, वे पुलिस के डंडे खा रहे हैं

बिहार में इंटरमीडिएट के रिज़ल्ट को लेकर हंगामा मचा हुआ है. तमाम छात्र-छात्राओं के रिज़ल्ट में गड़बड़ियां सामने आई हैं. परीक्षा में शामिल होने के बाद भी कई छात्रों को ग़ैरहाज़िर कर दिया गया, वहीं कुछ को पूर्णांक से भी ज़्यादा नंबर दे दिए गए हैं.