अगले शैक्षणिक वर्ष से राज्य में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति ख़त्म कर दी जाएगी: कर्नाटक सीएम

अगस्त 2021 में कर्नाटक उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया था. हालांकि, मई में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसे ख़त्म करने का वादा किया था.

/
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (फोटो साभार: फेसबुक/Chief Minister of Karnataka)

अगस्त 2021 में कर्नाटक उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया था. हालांकि, मई में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसे ख़त्म करने का वादा किया था.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (फोटो साभार: फेसबुक/Chief Minister of Karnataka)

नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को अगले शैक्षणिक वर्ष से कर्नाटक के उच्च शिक्षा संस्थानों से वापस ले लिया जाएगा.

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लागू की गई एनईपी, सत्र के मध्य में छात्रों को असुविधा से बचने के लिए वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए जारी रहेगी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धारमैया ने कहा, ‘कुछ आवश्यक तैयारी करने के बाद एनईपी को समाप्त किया जाएगा. इस साल तैयारी के लिए समय नहीं मिला. जब चुनाव नतीजे आए और सरकार बनी, तब तक शैक्षणिक वर्ष शुरू हो चुका था. इस साल एनईपी जारी रहेगी, क्योंकि इससे शैक्षणिक वर्ष के बीच में छात्रों को समस्या नहीं होनी चाहिए.’

बेंगलुरु में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) कार्यालय में एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एनईपी का छात्रों, अभिभावकों और व्याख्याताओं और शिक्षकों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा विरोध किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘एनईपी का छात्रों, अभिभावकों, व्याख्याताओं और शिक्षकों द्वारा एक साथ विरोध किया जा रहा है. भाजपा ने एनईपी को देश में लागू किए बिना राज्य में पहली बार लागू करके देश के छात्रों के हितों की उपेक्षा की है.’

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य सरकार एक नई शिक्षा नीति तैयार करने का इरादा रखती है जो उसके दृष्टिकोण के अनुरूप हो. उन्होंने यह भी कहा कि एनईपी राज्य के विशेषाधिकारों का अतिक्रमण करता है, सरकार के इस तर्क को उजागर करते हुए कि यह शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के अधिकारों का उल्लंघन करता है.

अगस्त 2021 में कर्नाटक उच्च शिक्षा में एनईपी को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया था. हालांकि, मई में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एनईपी को खत्म करने का वादा किया था. राज्य विधानमंडल के हालिया बजट सत्र के दौरान सिद्धारमैया ने कहा था कि इसे राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा.

जब यह नीति दक्षिणी राज्य में भाजपा सरकार द्वारा अपनाई गई थी, तो कांग्रेस, जो विपक्ष में थी, ने इस कदम की आलोचना की थी और एनईपी को ‘नागपुर शिक्षा नीति’ करार दिया था, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सीधा संदर्भ था.

एनईपी को केंद्र सरकार द्वारा 29 जुलाई, 2020 को देश की शिक्षा प्रणाली को बदलने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था – इसे ‘भारतीयता में निहित’ रखते हुए भविष्य की जरूरतों के साथ जोड़ना बताया गया था. एनईपी ने 1986 से चली आ रही शिक्षा नीति को प्रतिस्थापित कर दिया और स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी स्तरों पर भारत की शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की सिफारिश की.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq