वीडियो: फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया है. इस वीडियो में राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव एमएसपी को लेकर फैलाए गए 10 बड़े झूठ और उनका सच बता रहे हैं.
इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत और म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के साथ मुक्त आवाजाही व्यवस्था ख़त्म करने की घोषणा की थी. मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही व्यवस्था जारी रहे. उन्होंने गृह मंत्री से मिज़ोरम की ओर बाड़ नहीं लगाने का आग्रह किया है.
औसतन किसानों को बाजार में अपनी फसल बेचने पर एमएसपी से तकरीबन 40% कम पैसा मिलता है. ऐसे में अगर कोई कह रहा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएससी) की लीगल गारंटी नहीं मिलनी चाहिए तो वह मेहनत के साथ नाइंसाफ़ी कर रहा है. वह ऐसी दुनिया का पक्षधर नहीं, जहां पर सबको अपनी मेहनत का वाजिब हक़ मिले.
बीते जनवरी में जारी एक परिपत्र में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अपने सभी 26 क्षेत्रीय कार्यालयों को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत खाद्यान्न वितरित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांकेतिक लोगो के साथ बुने हुए लैमिनेटेड बैग की ख़रीद के लिए टेंडर जारी करने को कहा है.
पंजाब के गुरदासपुर ज़िले के रहने वाले मृतक ज्ञान सिंह दो दिन पहले किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च में भाग लेने के लिए शंभू सीमा पर आए थे. इस मार्च का उद्देश्य फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की क़ानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालना है.
जब भी अपने भक्तों के अहंकार की परीक्षा लेनी होती है, रामलला ऐसी नरलीला करते ही करते हैं. कभी भक्त समझ जाते हैं और कभी नहीं समझ पाते. नहीं समझ पाते तो अपना अहंकार बढ़ाते जाते हैं. फिर एक दिन अचानक रामलला उसे तोड़ देते हैं तो वे पछताते हैं. अहंकार दरअसल, रामलला का आहार है.
वीडियो: एक तरफ मोदी सरकार दिल्ली की सीमाओं को किसी देश का बॉर्डर बनाकर किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ उसके समर्थक कह रहे हैं कि अगर किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी दी गई तो देश की अर्थव्यवस्था का दिवाला निकल जाएगा. इसे झूठे दावे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं द वायर के अजय कुमार.
किसानों के वर्तमान प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पटियाला, एसएएस नगर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, मनसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में 20 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट निलंबित कर दिया है. किसानों का समर्थन करने वाले सोशल साइट एक्स और फेसबुक पर एक दर्जन से अधिक एकाउंट सरकार के अनुरोध पर बंद कर दिए गए हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क़ानूनी गारंटी और ऋण माफ़ी सहित अन्य मांगों की अपील के साथ सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच अंबाला के पास शंभू सीमा पर एकत्र हुए हैं. साल 2020 के आंदोलन को दोहराते हुए उन्होंने बीते 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ का आह्वान किया है.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने बीते बृहस्पतिवार को साल 2018 में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत.
वीडियो: ‘कृषि की बात’ के इस एपिसोड में किसान आंदोलन के फिर से शुरू होने पर किसान नेता राकेश टिकैत से द वायर के इंद्र शेखर सिंह की बातचीत.
वीडियो: बीते 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था. इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और आरटीआई एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज से अतुल होवाले की बातचीत.
वीडियो: विभिन्न राज्यों से होकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है. शुक्रवार को बिहार के नौबतपुर बॉर्डर से यूपी के चंदौली में राहुल गांधी ने प्रवेश किया है. उनकी इस यात्रा पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड जारी करने पर भी रोक लगा दी है और एसबीआई से योगदान प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों का विवरण देने के लिए कहा है. चुनावी बॉन्ड योजना 2018 की शुरुआत में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाई गई थी. इसके माध्यम से भारत में कंपनियां और व्यक्ति राजनीतिक दलों को गुमनाम दान दे सकते हैं.
वीडियो: किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च के बीच आ रहीं ख़बरों और वीडियो से पता चलता है कि शंभू सीमा पर 100 से अधिक किसान घायल हो गए हैं, जिनमें से कई पैलेट गन की गोलियों से घायल हुए हैं. पत्रकारों, समाचार वेबसाइट समेत विरोध प्रदर्शन के संबंध में जानकारी प्रसारित करने वाले सोशल मीडिया एकाउंट को निलंबित कर दिया गया है.