यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में एंट्री लेवल के पदों पर भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता हटाई

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2018 में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एंट्री-लेवल के पदों पर भर्ती के लिए जुलाई 2021 से पीएचडी को अनिवार्य कर दिया था. विरोध के बाद इसका कार्यान्वयन जुलाई 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया था.

हैदराबाद: उस्मानिया यूनिवर्सिटी में उर्दू विभाग की बदहाली की क्या वजह है?

विभिन्न विषयों के लिए उर्दू को शिक्षा के माध्यम के तौर पर अपनाने के लिए ख्यात हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने बीते दिनों पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें उर्दू को छोड़ दिया गया. जहां इसके लिए एक ओर विभाग में स्थायी शिक्षक न होने की बात कही जा रही है, वहीं ख़बरों में राज्य सरकार की उदासीनता को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है.

आईआईटी गुवाहाटी ने ‘धरना नहीं देने’ की शर्त पर एक पीएचडी छात्र को पढ़ाई करने की अनुमति दी

ये मामला हिमाचल सिंह नामक एक पीएचडी छात्र से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पिछले साल एक शिक्षक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल करने के चलते एक सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया गया था. कोविड-19 महामारी बाद कैंपस खुलने पर उन्हें छह शर्तों के साथ पढ़ने की अनुमति दी गई है. छात्र ने आईआईटी प्रशासन के इस आदेश को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

आईआईटी कानपुर: उत्पीड़न की शिकायत करने वाले दलित शिक्षक की पीएचडी रद्द की जा सकती है

आईआईटी कानपुर के शिक्षक सुब्रमण्यम सदरेला ने संस्थान के चार सहकर्मियों पर भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाया था. संस्थान की तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में चारों सहकर्मियों को उत्पीड़न का दोषी भी पाया था.

जेएनयू: ‘जब कोर्ट से काम होना है तो कुलपति पद और प्रशासन को ध्वस्त कर देना चाहिए’

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब अदालत की दख़ल के बाद छात्र-छात्राओं की पीएचडी थीसिस जमा हुई है और उनका अगले सेमेस्टर में पंजीकरण हुआ है.

जेएनयू ने उमर ख़ालिद और दो अन्य छात्रों की पीएचडी थीसिस जमा करने से इनकार किया

जेएनयू के शोध छात्र उमर ख़ालिद का कहना है कि अदालत के आदेश के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी थीसिस लेने से इनकार कर कोर्ट की अवमानना की है.