ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में डेनमार्क को शीर्ष पर रखा गया है. उसके बाद फिनलैंड, न्यूजीलैंड और नॉर्वे आते हैं. सूचकांक 0 से 100 के पैमाने का उपयोग करता है, जहां 0 स्कोर ‘अत्यधिक भ्रष्ट’ है और 100 ‘बहुत साफ’ है. साल 2023 में भारत का कुल स्कोर 39 था.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाले नागरिक समाज संगठनों को मानहानि, देशद्रोह, अभद्र भाषा, अदालत की अवमानना संबंधी आरोपों और विदेशी फंडिंग पर नियमों के साथ निशाना बनाया गया है.
भ्रष्टाचार पर नज़र रखने वाली संस्था ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ ने यह अध्ययन 17 देशों में किया और इसमें कुल मिलाकर क़रीब 20,000 नागरिकों को शामिल किया गया. भारत में उन लोगों की संख्या भी सबसे अधिक है, जो लोक सेवाओं का उपयोग करने के लिए निजी संपर्कों का उपयोग करते हैं.
ग़ैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 180 देशों की रिपोर्ट में भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे ख़राब स्थिति वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है.
घूसखोरी के मामले में भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, जापान, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों से आगे है.