मतदाताओं को पार्टियों के वादों की व्यवहारिकता जानने का अधिकार है: मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने चुनाव घोषणापत्रों में वादे करने का अधिकार है और मतदाताओं को यह जानने का अधिकार है कि क्या ये असली हैं और इनकी फंडिंग कैसी होगी. 

ईवीएम से मतदान लोकतंत्र के लिए सर्वोपरि माने जाने वाले किसी भी सिद्धांत का पालन नहीं करता

मत-पत्रों की पूर्ण पारदर्शिता के विपरीत, ईवीएम-वीवीपैट प्रणाली पूरी तरह से अपारदर्शी है. सब कुछ एक मशीन के भीतर एक अपारदर्शी तरीके से घटित होता है. वहां क्या हो रहा है, उसकी कोई जानकारी मतदाता को नहीं होती. न ही उसके पास इस बात को जांचने या संतुष्ट होने का ही कोई मौका होता है कि उसका मत सही उम्मीदवार को ही गया है.

ईवीएम ‘अविश्वास’ पैदा कर रही है, तो मत-पत्र से वोट क्यों नहीं: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अमेरिका जैसा देश, जो अर्थव्यवस्था में शक्तिशाली है, महीनों तक मतपत्र से मतदान कराता है. जापान जैसा देश, जिसने ईवीएम का आविष्कार किया, मतपत्र से मतदान कराता है और जर्मनी में उनके सुप्रीम कोर्ट ने इससे मतदान कराने को असंवैधानिक ठहराया है.

आने वाले चुनाव में अधिक संख्या में मतदाताओं के नोटा चुनने की संभावना: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

एक वेबिनार में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने कहा कि मतदाता बड़ी संख्या में वोट के लिए बाहर निकलते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार नहीं मिलते, इसलिए वोट नहीं देने के बजाय वे नोटा पर शिफ्ट हो गए. आने वाले चुनाव के बाद के विश्लेषण का यह विषय हो सकता है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव: 10 मई को मतदान होगा, 13 मई को मतगणना

कर्नाटक विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल इस साल 24 मई को समाप्त होगा. चुनावों की घोषणा के साथ ही अब पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई.

1951 के बाद से देश में मतदाताओं की संख्या छह गुना बढ़कर 94 करोड़ से अधिक हुई

निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत को 75 प्रतिशत तक ले जाने की चर्चा के बीच उन 30 करोड़ मतदाताओं के मुद्दे को उठाया है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान करने नहीं पहुंचे. इन 30 करोड़ मतदाताओं में शहरी क्षेत्र के लोग, युवा और प्रवासी शामिल हैं. इस साल एक जनवरी को देश के कुल मतदाताओं की संख्या 94,50,25,694 थी.

गुजरात: कांग्रेस-टीएमसी ने वोट से पहले प्रधानमंत्री के ‘रोडशो’ को आचार संहिता का उल्लंघन बताया

कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री वोट करने के लिए निकलते हैं तो ढाई घंटे का रोडशो करते हैं. चुनाव आयोग की क्या मजबूरियां हैं कि उसे कुछ सुनाई और दिखाई नहीं देता. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर सवाल खड़ा किया है.

विधानसभा चुनाव: उत्तर और मध्य गुजरात के कई गांवों में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया

गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण में राज्य की 93 विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हुआ है. मेहसाणा ज़िले के तीन गांवों के छह मतदान केंद्रों पर करीब 5,200 मतदाताओं ने स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदान नहीं किया. वहीं, खेड़ा जिले के उंधेला गांव के क़रीब 1,400 मुस्लिम मतदाताओं ने वोट नहीं दिया.

गोवा विधानसभा चुनावः किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी

गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस ने 10 सीटें जीती जबकि वह एक सीट पर आगे चल रही है. आम आदमी पार्टी को दो, गोवा फॉरवर्ड पार्टी को एक, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी को दो, रिवोल्यूशनरी गोअन्स पार्टी को एक और निर्दलीयों ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है. 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 21 है.

प्रेस परिषद ने प्रिंट मीडिया से चुनाव नतीजों का अनुमान लगाने वाले आलेख न छापने को कहा

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भारतीय प्रेस परिषद ने कहा है कि निषेध अवधि में चुनाव के परिणाम का अनुमान लगाना धारा 126 एक का उल्लंघन है. इसलिए 28 अक्टूबर से सात नवंबर की शाम तक निषेध अवधि के दौरान प्रिंट मीडिया परिणाम वाले आलेख का प्रकाशन न करें.

बिहार: 28 अक्टूबर से तीन चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव, मतगणना 10 नवंबर को

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 29 नवंबर को ख़त्म हो रहा है. चुनाव के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 03 और 07 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.

क्या कोरोना के दौर में बिहार में चुनाव कराना लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करना नहीं है

यह सही है कि समय पर चुनाव करवाना चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है, मगर जिस राज्य में महामारी का आलम ये हो कि मुख्यमंत्री ही तीन महीने बाहर न निकलें, वहां सात करोड़ मतदाताओं के साथ एक माह तक चुनाव प्रक्रिया चलाना बीमारी के जोखिम को और बढ़ा सकता है.

डाक-मतपत्र से वोट देने की आयु सीमा कम करने का फैसला वापस ले चुनाव आयोग: कांग्रेस

कोरोना वायरस से वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक-मतपत्र के लिए मतदाताओं की आयु सीमा 80 साल से घटाकर 65 साल कर दी गई है. विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव आयोग बिना विमर्श चुनावी प्रक्रिया बदलने के लिए एकतरफ़ा क़दम उठा रहा है.

कोविड-19: लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र से मतदान की आयु सीमा घटाई गई

कोरोना वायरस को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनज़र विधि मंत्रालय ने 19 जून को जारी संशोधन में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को डाक मतपत्र के इस्तेमाल की अनुमति दी है. इससे पहले यह आयु सीमा 80 वर्ष थी.

कोरोना वायरस के कारण सात राज्यों की 18 राज्यसभा सीटों पर चुनाव स्थगित रहेगा: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के दौरान उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और निर्वाचन कर्मचारियों के एकत्र होने की संभावना के कारण लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन की आशंका को देखते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को स्थगित रखना उपयुक्त होगा.