अनिल अंबानी की रिलायंस ने फाइनेंशियल टाइम्स पर किया 1.1 बिलियन डॉलर का मानहानि मुकदमा वापस लिया

अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस ने लंदन स्थित अंतरराष्ट्रीय अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के दो पत्रकारों पर अनिल अंबानी के कारोबार द्वारा सामना की जा रही परेशानियों पर रिपोर्टिंग करने के लिए मुकदमा दायर किया था.

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अनिल अंबानी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस ने लंदन स्थित अंतरराष्ट्रीय अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के दो पत्रकारों पर अनिल अंबानी के कारोबार द्वारा सामना की जा रही परेशानियों पर रिपोर्टिंग करने के लिए मुकदमा दायर किया था.

अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)
अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने लंदन स्थित अंतरराष्ट्रीय अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है.

अखबार द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट के अनुसार, आरकॉम ने अखबार के दो पत्रकारों पर अंबानी के कारोबार द्वारा सामना की जारी परेशानियां पर रिपोर्टिंग करने के लिए मुकदमा दायर किया था.

आरकॉम ने मानहानि मुकदमे में क्षतिपूर्ति के लिए 1.1 बिलियन डॉलर की मांग की थी, जो अब उसने वापस ले ली है.

फाइनेंशियल टाइम्स प्रकाशन के अनुसार, आरकॉम ने आवेदन किया और उसे अपना दावा वापस लेने की अनुमति दी गई. अदालत ने नियमों के अनुसार अपनी अदालत की फीस की वापसी की अनुमति दी, जबकि दोनों पक्ष अपनी कानूनी लागत वहन करेंगे. कंपनी ने फाइनेंशियल टाइम्स के दो पत्रकारों को प्रतिवादी के रूप में नामित किया था, हालांकि उन पर कार्यवाही औपचारिक रूप से नहीं की गई थी.

उसने कहा, यह मुकदमा पिछले साल पश्चिम भारतीय शहर अहमदाबाद की एक अदालत में फाइनेंशियल टाइम्स की उस रिपोर्ट पर दायर किया गया था जिसमें बताया गया था कि आरकॉम अपनी अधिकतर टेलीकॉम संपत्ति को अपने प्रतिद्वंदी जियो को बेचने जा रहा है, जो कि अनिल अंबानी के बड़े भाई मुकेश अंबानी का समूह है. हालांकि, अब यह सौदा रद्द हो गया है.

बता दें कि साल 2018 में अनिल अंबानी द्वारा नियंत्रित व्यवसायों ने कई मीडिया संगठनों, पत्रकारों और विपक्षी राजनेताओं के खिलाफ मानहानि के मुकदमे दर्ज कराए थे.

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मुकदमे रिलायंस डिफेंस और विवादास्पद राफेल सौदे पर रिपोर्टिग को लेकर किए गए थे. इनमें एनडीटीवी पर 10 हजार करोड़ रुपये, द सिटिजन पर 7000 करोड़ रुपये और नेशनल हेराल्ड पर 5000 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा किया गया था.

वहीं, फाइनेंशियल टाइम्स, द वीक और द इकॉनमिक टाइम्स के खिलाफ जो मुकदमे दायर किए गए, उनमें अनिल अंबानी के बदलते भाग्य और आरकॉम की कोराबारी परेशानियों को लेकर रिपोर्टिंग की गई थी.

2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने से कुछ दिन पहले मई में रिलायंस समूह ने कांग्रेस नेताओं और नेशनल हेराल्ड अखबार के खिलाफ दायर किए गए 5,000 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया था जो कि रफाल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर की गई रिपोर्टिंग और बयानों के कारण दर्ज कराए गए थे.

उस समय रिलायंस ने यह कहते हुए अपने रुख का बचाव किया था कि राफेल सौदे के संबंध में कुछ व्यक्तियों और कॉरपोरेट निकायों द्वारा कथित रूप से अपमानजनक बयान राजनीतिक उद्देश्यों के कारण दिए गए थे.

अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कुछ कंपनियों ने भी द वायर के खिलाफ भी मानहानि के मुकदमे दायर किए हैं. इनमें से एक मामला ‘राफेल डील: अंडरस्टैंडिंग कॉन्ट्रोवर्सी’  शीर्षक वाले वीडियो को लेकर दाखिल किया गया है, जिसमें हर्जाने के रूप में 6,000 करोड़ रुपये की मांग की गई है. उस कार्यक्रम में वरिष्ठ रक्षा पत्रकार अजय शुक्ला और द वायर के संस्थापक संपादक एमके. वेणु शामिल थे.

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