पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार नवनीता देव सेन का निधन

कवि, उपन्यासकार, स्तंभकार और लघु कथाओं और यात्रा वृतांतों की लेखिका नवनीता देव सेन को रामायण पर उनके शोध के लिए भी जाना जाता था.

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कवि, उपन्यासकार, स्तंभकार और लघु कथाओं और यात्रा वृतांतों की लेखिका नवनीता देव सेन को रामायण पर उनके शोध के लिए भी जाना जाता था.

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साहित्यकार नवनीता देव सेन. (फोटो साभारः ट्विटर)

कोलकाताः बांग्ला भाषा की प्रसिद्ध साहित्यकार नवनीता देव सेन का गुरुवार को दक्षिण कोलकाता में उनके आवास पर निधन हो गया. वह 81 वर्ष की थीं.

पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि वह कैंसर से पीड़ित थीं और बीते दस दिनों में उनकी तबियत बहुत खराब हो गई थी.

उन्होंने विभिन्न विधाओं में 80 से अधिक किताबें लिखीं और उनकी किताबों का कई भाषाओं में अनुवाद भी हुआ. नवनीता बंगाली, अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, असमिया, फ्रेंच, जर्मन, संस्कृत और हिब्रू भाषाएं जानती थीं.

नवनीता सेन का जन्म 13 जनवरी, 1938 को कोलकाता में हुआ था. इनके पिता का नाम नरेंद्रनाथ देव और माता का नाम राधारानी देवी है. उनके माता-पिता दोनों ही कवि थे.

उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक और जाधवपुर यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली. वह इंडियाना यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट थीं और वे दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित दुनियाभर की कई यूनिवर्सिटी और अकादमिक संस्थानों में पोस्ट डॉक्टेरल पद पर रहीं.

वह बंगाली साहित्य अकादमी के बंगिया साहित्य परिषद की उपाध्यक्ष भी रहीं. वह पश्चिम बंगाल वुमेन राइटर्स एसोसिएशन की संस्थापक और अध्यक्ष भी रहीं.

उन्हें 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 2000 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था. इसके अलावा पूरे जीवन काल में उन्हें अपनी कविता, लघु कथाओं और साहित्य रचना की वजह से कई बार पुरस्कृत किया गया.

एक कवि, उपन्यासकार, स्तंभकार और लघु कथाओं और यात्रा वृतांतों की लेखिका, नवनीता देव सेन को रामायण पर उनके शोध के लिए भी जाना जाता था.

उनकी लोकप्रिय कृतियों में ‘बमा बोधिनी’, ‘नटी नवनीता’, ‘श्रेष्ठा कविता’ और ‘सीता ठेके शुरू’ हैं. उनकी कहानियों में महिलाएं और लड़कियां नायिकाओं के तौर पर केंद्र में रहीं. उनके साहित्य में महिला प्रधान किरदारों की भरमार थी.

उन्होंने अपने साक्षात्कारों में भी नारीवाद का परचम उठाए रखा. नवनीता देव सेन नोबेल विजेता अर्थशास्त्री डॉ अमर्त्य सेन की पहली पत्नी थीं. उन्होंने 1958 में अमर्त्य सेन से शादी की. 1976 में दोनों का तलाक हो गया था. उनके परिवार में उनकी दो बेटियां अंतारा और नंदना है.

मालूम हो कि इस साल नोबेल जीतने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने पिछले महीने कोलकाता में अपने भारत दौरे के दौरान नवनीता देव सेन से उनके घर पर मुलाकात की थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नवनीता देव सेन के निधन पर उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘प्रसिद्ध साहित्यकार और अकादमिक नवनीता देव सेन के निधन से दुखी हूं, कई पुरस्कार विजेता श्रीमति सेन की अनुपस्थिति उनके असंख्य छात्रों और शुभचिंतकों द्वारा महसूस की जाएगी.