फीस वृद्धि, कर्फ्यू के वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों को वापस लिए जाने की मांग करने वाले छात्रों पर की गई बर्बर पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए जेएनयू शिक्षक संघ ने कुलपति के इस्तीफे की मांग की.
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन की ‘छात्र-विरोधी’ नीति के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन को जेएनयू शिक्षक संघ का समर्थन मिला है. जेएनयू शिक्षक संघ ने छात्रों पर बर्बरता पूर्वक की गई पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए कुलपति के इस्तीफे की मांग की.
छात्रों ने लगातार 15वें दिन सोमवार को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के बाहर प्रदर्शन किया, जहां पर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह हो रहा था. दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद थे.
छात्र कुलपति से मिलना चाहते थे और उनकी मांग थी कि मसौदा छात्रावास मैनुअल को वापस लिया जाए जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है.
प्रदर्शन के दौरान छात्रों की भीड़ को अलग-थलग करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों और बल का प्रयोग किया.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के सदस्यों ने छात्रों के समर्थन में कैंपस के अंदर एक सभा का आयोजन किया.
शिक्षक संघ ने कहा, ‘जेएनयू शिक्षक संघ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे जेएनयू छात्रों पर पुलिस की बर्बरता जिसमे अनेक छात्र गंभीर रूप से घायल हुए, उसकी निंदा करता है. शिक्षक संघ यह मांग करता है कि कुलपति जिनके कहने पर यह कार्यवाई हुई, तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें.’
इसमें कहा गया, ‘पुलिस कार्रवाई स्पष्ट करती है कि कुलपति छात्रों से बातचीत करने से बचने के लिए लगातार पुलिस का सहारा ले रहे हैं.’
इसमें कहा गया कि यह सभा जेएनयू शिक्षकों के सामूहिक विचारों को पेश करते हुए होस्टल मैन्युअल में बदलाव और चार्जेज में अत्यधिक वृद्धि को अस्वीकार करती है. यह विश्वविद्यालय का फर्ज है कि छात्रों को मुनासिब मूल्यों पर आवासीय और मेस सुविधाएं मुहैया करवाए. शिक्षक संघ को हॉस्टल को सेल्फ फाइनेंस आधार पर चलाने का नया होस्टल मैन्युअल स्वीकार नहीं है.
सभा में कई शिक्षकों ने अपने विचार प्रकट करते हुए हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी के दुष्प्रभाव की तरफ ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने बताया कि जेएनयू में वंचित तबकों से आने वाले अनेक छात्र छात्राएं इसलिए पढ़ सके क्योंकि यहां की फीस बहुत कम है.
शिक्षकों ने वर्तमान प्रशासन द्वारा समावेशी सार्वजनिक उच्च शिक्षा के ढांचे को ढहाए जाने की पुरजोर निंदा की और यह स्पष्ट तौर पर बताया कि होस्टल फीस में अत्यधिक वृद्धि इसी एजेंडे का हिस्सा है. शिक्षक संघ इस नीति के विरोध में अपने संघर्ष को और मजबूती से आगे बढ़ाने का निर्णय लेते हुए जेएनयू छात्र संघ के वर्तमान संघर्ष को अपना समर्थन जाहिर करता है.