केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सभी निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पाई गई है. अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक था.
नई दिल्ली: दिल्ली शुक्रवार को धुंध की मोटी चादर में लिपटी रही और प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ की श्रेणी में रहा. लगातार चौथे दिन जहरीली धुंध की चादर छाई रही जिसके कारण लोग गला खराब होने, आंखों में खुजली होने, सांस लेने में समस्या होने और सूखी खांसी जैसी परेशानियों से जूझते रहे.
अधिकारियों ने बताया कि हवा की धीमी गति भी प्रदूषण बढ़ने का एक कारण है क्योंकि इसके कारण प्रदूषक तत्व एक ही स्थान पर ठहरे रहते हैं और यहां वहां छितर नहीं पाते.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 467 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ की श्रेणी’ में आता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार सभी निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पायी गई. अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक था.
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के कारण छाई धुंध को देखते हुए स्कूल शुक्रवार को भी बंद रहे.
सीपीसीबी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में दर्ज की गई गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक सर्वाधिक 480 दर्ज किया गया.
गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’ माना जाता है.
सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान सेवा ‘सफर’ ने कहा कि हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषकों का छितराव नहीं हो पाने के कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया है.
सफर के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब में कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है. शनिवार तक हवा की गति बढ़ने का पूर्वानुमान जताया गया है जिससे वायु गुणवत्ता थोड़ी सुधरने की उम्मीद है इसके बावजूद यह ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में रहेगी.सफर ने रविवार तक हालात में सुधार की संभावना व्यक्त की है.
बढ़ सकती है ऑड ईवन की अवधि
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कहा कि सम-विषम योजना की अवधि बढ़ाए जाने पर अंतिम फैसला सोमवार को किया जाएगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम नहीं चाहते कि लोगों को अनावश्यक असुविधा हो. आगामी दो-तीन दिन में वायु गुणवत्ता सुधरने की उम्मीद है. सम-विषम योजना की अवधि बढ़ाए जाने पर अंतिम फैसला सोमवार को किया जाएगा.’
बता दें कि सम-विषम योजना चार नवंबर से शुरू की गई थी और शुक्रवार को समाप्त हो रही है.
मुख्यमंत्री कहा, ‘लोगों ने योजना के क्रियान्वयन में काफी सहयोग किया. हर रोज 250 से 300 चालान काटे गए. जनसंख्या के लिहाज से यह संख्या बहुत कम है.’
स्कूली बच्चों ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
इससे पहले बाल दिवस के अवसर पर कई बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार को पत्र लिखकर उनसे वायु प्रदूषण कम करने के उपाय करने का आग्रह किया था.
ईशान महंत नामक एक छात्र ने पत्र में लिखा, ‘मैं पहले फुटबाल खेलना पसंद करता था लेकिन अब केवल टीवी पर ही देख पाता हूं. मैं बाहर नहीं खेल सकता क्योंकि हवा बहुत जहरीली है.’
एक अन्य छात्र ने लिखा, ‘इस समय स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हमें भारत सरकार और प्रभावित राज्य सरकारों से एक मजबूत निर्देश की आवश्यकता है. हमें विश्वास है कि हमारे प्रिय प्रधानमंत्री निश्चित ही इस पर एक मजबूत फैसला लेंगे.’
बुधवार को ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कारक ईंधन पर चलने वाले उद्योगों, हॉट मिक्स प्लांट और पत्थर तोड़ने वाली मशीनों पर पाबंदी की मियाद 15 नवंबर तक बढ़ा दी थी. मुख्यमंत्री ने प्रदूषण बढ़ने के लिए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने को भी जिम्मेदार ठहराया.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्थिति में पहुंचने पर आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र पर निशाना साधा. पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रदूषण का स्थायी समाधान करने के निर्देश के बावजूद केंद्र सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही है.
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह एनसीआर और उत्तर भारत के हिस्सों में प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए जापान की हाइड्रोजन आधारित तकनीक के इस्तेमाल की व्यावहारिकता पर विचार करे. अदालत ने तीन दिसंबर को इस मामले पर जवाब देने को कहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)