भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ने वाले अब्दुल जब्बार बीते 35 सालों से गैस पीड़ितों के लिए काम करते रहे थे. इस हादसे में उन्होंने अपने माता पिता को खो दिया था और उनके स्वास्थ्य पर भी गैस का बुरा असर हुआ था.
भोपाल: विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी ‘भोपाल गैस कांड’ के पीड़ितों के हितों के लिये पिछले करीब 35 साल से काम करने वाले मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार का गुरुवार रात को एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
वह 62 वर्ष के थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं. आईएएनएस के मुताबिक वे बीते कुछ दिनों से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
1984 Bhopal Gas tragedy activist Abdul Jabbar passed away in Bhopal last night. (file pic) pic.twitter.com/IMx3wx6Zsc
— ANI (@ANI) November 15, 2019
2-3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात को भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकली जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी. वे जीवन भर इस त्रासदी से पीड़ित हुए परिवारों और लोगों के लिए काम करते रहे.
जब्बार ने इस हादसे में अपने माता-पिता को खो दिया था. गैस का उन पर भी काफी असर हुआ था. उनके फेफड़े और आंखें इससे प्रभावित हुए थे और उन्हें कई बीमारियां भी हो गई थीं.
जब्बार रक्तचाप और शुगर से भी पीड़ित थे. पिछले दिनों उन्हें भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के लिए समुचित धन न होने के कारण सोशल मीडिया पर उनके दोस्तों और कार्यकर्ताओं द्वारा फंड भी जुटाया जा रहा था.
गुरुवार दिन में ही राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा उनके इलाज के लिए मदद का ऐलान किया था. उनके निधन पर मुख्यमंत्री कमलनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया है.
गैस पीड़ितों के नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले जब्बार ने उनके अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने गैस पीड़ित परिवारों की महिलाओं के लिए भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन बनाकर उन्हें आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने का अभियान भी चलाया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)