जम्मू कश्मीर में 4 अगस्त से अब तक 5000 लोग गिरफ्तार: गृहमंत्री अमित शाह

गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 4 अगस्त तक औसतन हर महीने पत्थरबाजी की 50 घटनाएं हुईं. वहीं, 5 अगस्त के बाद ऐसे मामले औसतन हर महीने बढ़कर 55 हो गए.

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(प्रतीकात्मक फाइल फोटो: पीटीआई)

गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 4 अगस्त तक औसतन हर महीने पत्थरबाजी की 50 घटनाएं हुईं. वहीं, 5 अगस्त के बाद ऐसे मामले औसतन हर महीने बढ़कर 55 हो गए.

Srinagar: Security personnel keep vigil at Lal Chowk after bifurcation of the Jammu and Kashmir state came into existence, in Srinagar, Thursday, Oct. 31, 2019. (PTI Photo/S. Irfan) (PTI10_31_2019_000132B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद पुलिस की गोली से एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा उपयुक्त स्थिति पाए जाने के बाद वहां जल्द ही इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी.

शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में सभी समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा है और टीवी चैनल काम कर रहे हैं तथा अखबारों के वितरण में कोई कमी नहीं आई है.

प्रश्नकाल के दौरान शाह ने कश्मीर के हालात के बारे में पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर में, विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद पुलिस की गोलीबारी में किसी की जान नहीं गई.

उच्च सदन में गृहमंत्री ने कहा, ‘ दुनिया भर में कई तरह की बातें चल रही हैं. वहां स्थिति पूरी तरह सामान्य है. पांच अगस्त के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई. हालांकि कई लोगों को आशंका थी कि वहां खूनखराबा होगा तथा लोगों की जान जा सकती है.’

उन्होंने कहा कि इस साल पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है, जो कि पिछले साल की तुलना में 802 से घटकर इस साल 544 हो गई है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इससे पहले मंगलवार को राजस्थान के भाजपा सांसद कनक मल कटारा के सवाल का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में कहा था, ‘5 अगस्त 2019 से 15 नवंबर 2019 तक पत्थरबाजी या कानून-व्यवस्था से जुड़े 190 मामलों में 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया. 1 जनवरी, 2019 से 4 अगस्त, 2019 तक ऐसे 361 मामले दर्ज किए गए हैं.’

इन गिरफ्तारियों में उन्हें शामिल नहीं किया गया है जिन्हें 5 अगस्त के बाद आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) और जनसुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया है.

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आने के कटारा के सवालों का जवाब देते हुए रेड्डी ने कहा था कि हां, कमी आई है.

हालांकि, आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जनवरी से 4 अगस्त तक औसतन हर महीने पत्थरबाजी की 50 घटनाएं हुईं. वहीं, 5 अगस्त के बाद ऐसे मामले औसतन हर महीने बढ़कर 55 हो गए.

बुधवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक बयान में कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द किए जाने से एक दिन पहले 4 अगस्त से कश्मीर घाटी में नेताओं, अलगाववादियों और पत्थरबाजों सहित 5,161 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं. इसमें से 218 पत्थरबाजों के साथ 609 लोगों को फिलहाल हिरासत में रखा गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)