महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधा है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौन-सी नैतिकता है?
जम्मू/जयपुर/भोपाल: जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर ने शनिवार को भाजपा का उपहास करते हुए कहा कि एनसीपी के अजीत पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने के बाद भाजपा ने उन्हें एक ही रात में अपने गंगाजल से उन्हें शुद्ध कर दिया.
मीर ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका की भी आलोचना की और कहा कि भाजपा के शासन में देश ‘संवैधानिक संकट’ का सामना कर रहा है और यह पार्टी सरकार के गठन के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है.
बता दें कि शनिवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के समर्थन से सरकार का गठन किया है. भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अजीत पवार ने शनिवार की सुबह क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
मीर ने यहां विरोध मार्च के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘देश महाराष्ट्र के घटनाक्रम देख रहा है और यह शायद अपनी तरह का पहला नाटक है जो बेकरार भाजपा ने सत्ता हथियाने के लिए किया है. भाजपा कल तक नेता (अजीत पवार) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही थी. भाजपा ने अपने गंगाजल से रात भर में ही उन्हें शुद्ध कर दिया.’
देश में उत्पन्न कथित आर्थिक संकट के खिलाफ कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के हिस्सा के रूप में मीर शहीदी चौक स्थित पार्टी कार्यालय से उपायुक्त कार्यालय तक कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया.
‘अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौन-सी नैतिकता है’
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को हटाकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को शपथ दिलाये जाने की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ वह छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी, इस प्रकार अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौन-सी नैतिकता है?
महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक समीकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों अंतरात्मा से दोषी होकर शपथ ली है और वे महाराष्ट्र में सुशासन दे पाएंगे इसमें संदेह है, जिसका नुकसान महाराष्ट्र की जनता को होगा.
गहलोत ने ट्वीट पर कहा कि ये लोग देश में लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं. समय आने पर देशवासी इसका जवाब देंगे और भाजपा को सबक सिखाएंगे.
महाराष्ट्र में जो हुआ वह छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी, इस प्रकार अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौनसी नैतिकता है?
ये लोग देश में लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं? समय आने पर देशवासी इसका जवाब देंगे और बीजेपी को सबक सिखाएंगे।— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 23, 2019
उन्होंने कहा, ‘इस माहौल में फडणवीस जी मुख्यमंत्री के रूप में कामयाब हो पाएंगे, यह डाउटफुल है… सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ने गिल्टी कॉन्शियस होकर शपथ ली है वे गुड गवर्नेंस दे पाएंगे इसमें संदेह है जिसका नुकसान महाराष्ट्र की जनता को होगा.’
शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी को अपनी ताक़त ज़मीन पर दिखाकर सड़कों पर उतरना चाहिए: दिग्विजय सिंह
महाराष्ट्र में हुई राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस गठबंधन को असंवैधानिक बताते हुए शनिवार को कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को अपनी ताक़त ज़मीन पर दिखाकर मुंबई की सड़कों पर उतरना चाहिए.
उन्होंने दावा किया कि अजीत पवार अकेले इस भाजपा नीत नई सरकार में शामिल हुए हैं और एनसीपी का कोई अन्य विधायक इस सरकार में शामिल नहीं होगा.
सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल महोदय (भगत सिंह कोश्यारी) से मेरे कुछ बुनियादी प्रश्न हैं. पहला, क्या राज्यपाल जी को एनसीपी द्वारा समर्थन का कोई पत्र मिला है? दूसरा सामान्य रूप से राज्यपाल जी को एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल का विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र मिलने के बाद ही शपथ के लिए आमंत्रित करना चाहिए था. तीसरा यदि ऐसा नहीं किया गया है तो क्या महामहिम राज्यपाल जी ने संविधान का उल्लंघन नहीं किया है?’
संयोग से माननीय CJI भी महाराष्ट्र के हैं महाराष्ट्र के Advocate General रहे हैं, क्या उनके रहते हुए यदि उनके समक्ष सप्रीम कोर्ट में यह संविधान उल्लंघन का प्रकरण आता है तो क्या वे अपना संविधान की शपथ का धर्म निभाएँगे? मुझे विश्वास है वे निभाएँगे।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 23, 2019
उन्होंने कहा, ‘शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को अपनी ताक़त ज़मीन पर दिखाकर सड़कों पर उतरना चाहिए. देखते हैं मुंबई और महाराष्ट्र की जनता किसके साथ है?’
दिग्विजय ने लिखा, ‘तीनों पार्टियों के लिए यह अस्तित्व का सवाल है. विशेषकर उद्धव (ठाकरे) और ठाकरे परिवार के लिए यह प्रतिष्ठा का प्रश्न है.’
उन्होंने कहा कि यह जरा भी आश्चर्यचकित नहीं करता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को चुनावी नारा दिया था- ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा.’ लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी का नारा है– ‘ख़ूब खाओ और ख़ूब खाकर-खिलाकर भाजपा में आ जाओ’ और प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई तथा आयकर विभाग से मुक्ति पाओ. क्योंकि मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है.
Not surprised at all
मोदी जी जनता को चुनावी नारा
“ना खाउंगा ना खाने दूँगा”अब प्रधान मंत्री मोदी जी का नारा है
“ख़ूब खाओ और ख़ूब खा कर खिला कर भाजपा में आ जाओ ED CBI IT से मुक्ति पाओ ““क्यों कि मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है”
पाप का घड़ा फूट कर रहेगा।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 23, 2019
दिग्विजय ने कहा कि पाप का यह घड़ा फूटकर रहेगा. ट्वीट के बाद मीडिया के सवालों के जवाब में दिग्विजय ने कहा कि महाराष्ट्र में हुए नाटकीय घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस भी शिवसेना के साथ मुंबई की सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए उतरेगी.
उन्होंने दावा किया कि एनसीपी नेता अजीत पवार अकेले ही भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं और एनसीपी का अन्य कोई विधायक पार्टी छोड़कर अजीत पवार के साथ नहीं जाएगा.
दिग्विजय ने कहा, ‘महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान देवेंद्र फड़णवीस ने अजीत पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे बड़े जोर-शोर से उठाए थे. अब दोनों साथ आ गए हैं. भ्रष्टाचार के इन मुद्दों का अब क्या होगा.’
उन्होंने कहा कि भाजपा और अजीत पवार का यह गठबंधन असंवैधानिक है. भाजपा ने ऐसा ही गोवा, मेघालय और मणिपुर में भी किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)