महाराष्ट्र एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि जिन नौ मामलों को बंद किया गया, वे टेंडरों की रूटीन जांच से जुड़े थे, जिनमें पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. जिन मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें जांच जारी है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) ने सिंचाई घोटाला मामले से जुड़े नौ मामले की जांच सोमवार को बंद कर दी. इस घोटाले में महाराष्ट्र के नवनियुक्त उप मुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ भी जांच चल रही है.
हालांकि, एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि ये मामले टेंडरों की रूटीन जांच से जुड़े थे जिनमें पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. इन मामलों में किसी राजनेता के खिलाफ जांच नहीं हो रही थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को जिन नौ मामलों को बंद किया गया, वे कथित तौर पर हजारों करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े दो दर्जन एफआईआर को प्रभावित नहीं करेंगे.
हालांकि अभी तक किसी भी मामले में अजीत पवार को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है. तत्कालीन एसीबी डीजीपी संजय बर्वे ने नवंबर 2018 में एक हलफनामे में कहा था कि पवार ने सिंचाई परियोजनाओं के ठेके देने में हस्तक्षेप किया था.
महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने के 48 घंटे के अंदर एनसीपी नेता अजित पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाला मामले में चल रही जांच को महाराष्ट्र भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) ने बंद कर दिया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहां पहले से ही 24 एफआईआर दर्ज किए गए हैं वहीं, कई अन्य टेंडरों के मामले में जांच जारी है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ये नौ मामले हैं जिन्हें बंद किया गया है. हमें बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष एक रिपोर्ट पेश करनी है जिसकी सुनवाई 28 नवंबर को होगी. जिन मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है उनमें जांच जारी है.
बता दें कि बीते शनिवार को महाराष्ट्र में हुए एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में सुबह करीब 8 बजे भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस ने राजभवन में गुपचुप तरीके से हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भाजपा के साथ गठबंधन से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने अजित पवार को इसका अधिकार नहीं दिया था. अजित पवार को पार्टी संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया गया है. फिलहाल महाराष्ट्र में बनी नई सरकार का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
इस बीच, एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना ने सोमवार को राज्यपाल को 162 विधायकों के समर्थन का एक पत्र सौंपा और कहा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है.