देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में तक़रीबन 20 हज़ार पैदल यात्री मारे गए: सरकार

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में तक़रीबन 1.50 लाख लोग, 2017 में 1.47 लाख लोग और साल 2018 में 1.51 लाख लोग मारे गए.

(फोटो: रॉयटर्स)

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में तक़रीबन 1.50 लाख लोग, 2017 में 1.47 लाख लोग और साल 2018 में 1.51 लाख लोग मारे गए.

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(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: देश में हर साल पैदल चलने वाले औसतन 19,620 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं. यह आंकड़ा सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या का करीब 12 प्रतिशत है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पेश किए गए सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभाग से प्राप्त 2016 से 2018 के सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों से यह बात स्पष्ट हुई है.

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में 1,50,785 लोग मारे गए, जिसमें 15,746 पैदल यात्री शामिल हैं.

वर्ष 2017 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,47,913 लोग मारे गए, जिसमें 20,457 पैदल यात्री शामिल हैं. साल 2018 में 1,51,417 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, जिसमें 22,656 पैदल यात्री शामिल हैं.

इस प्रकार पिछले तीन वर्षो में सड़क दुर्घटनाओं में औसतन 19,620 पैदल यात्री मारे गए.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एम. श्रीनिवास के एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में पिछले तीन वर्षों में औसतन सबसे अधिक पैदल यात्रियों की मौत के मामले तमिलनाडु में सामने आए.

इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना जैसे राज्य हैं.

तमिलनाडु में 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में 2,966 पैदल यात्री, साल 2017 में 3,507 पैदल यात्री, 2018 में 768 पैदल यात्रियों की मौत हुई. महाराष्ट्र में 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में 2,103 पैदल यात्री, 2017 में 1,831 पैदल यात्री, 2018 में 2,515 पैदल यात्रियों की मौत हुई.

मध्य प्रदेश में 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,627 पैदल यात्री, साल 2017 में 1,280 पैदल यात्री, 2018 में 1,504 पैदल यात्री मारे गए. केरल में 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,246 पैदल यात्री, साल 2017 में 1,332 पैदल यात्री, 2018 में 1,250 पैदल यात्रियों की मौत हुई.

आंध्र प्रदेश में 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,251 पैदल यात्री, 2017 में 1,379 पैदल यात्री, 2018 में 1,569 पैदल यात्री मारे गए . उत्तर प्रदेश में 2018 में 1,366 पैदल यात्री, पश्चिम बंगाल में 2,618 पैदल यात्री, राजस्थान में 1,448 पैदल यात्री, हरियाणा में 1,471 पैदल यात्री सड़क हादसों में मारे गए.

गडकरी ने कहा कि फुटपाथ, फुटओवर ब्रिज एवं पैदल यात्रियों के लिए अन्य सुविधाओं और ग्रेड अलग करने सहित अन्य संरचनाओं आदि के प्रावधान एवं स्थल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एवं राजमार्गों को दो लेन वाला बनाने के लिए मानक एवं नियमावली तैयार की गई. पैदल यात्रियों की सुविधाओं के लिए दिशानिर्देश भी प्रकाशित किए गए हैं.

मालूम हो कि बीते 25 नवंबर को राज्यसभा में सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि नए मोटर वाहन कानून के बीते एक सितंबर से लागू होने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखी गई है.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को सूचित किया था कि सितंबर और अक्टूबर में ऐसे घातक हादसों में 75 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)