तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दिल्ली में एक महिला प्रदर्शनकारी ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया.
हैदराबाद/नई दिल्ली: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शनिवार को बड़ी संख्या में लोगों ने उस थाने के बाहर प्रदर्शन किया जहां महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या के आरोपियों को बंद किया गया है. प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को ‘कड़ी’ सजा की मांग की.
बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शादनगर पुलिस थाने के बाहर एकत्रित हुए और आरोपियों के खिलाफ नारेबाजी की. इनमें से कुछ लोगों ने मांग की कि आरोपियों को मौत की सजा दी जाए. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प हो गई.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर चप्पल फेंकें जिसके बाद पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया. इस बीच आरोपियों को चंचलगुडा केंद्रीय जेल में भेज दिया गया है.
#WATCH: Police lathicharged on locals who hurled slippers on police outside Shadnagar police station, where the accused in rape&murder case of the woman veterinary doctor were lodged earlier today. Accused have been shifted to Chanchalguda Central Jail. #Telangana pic.twitter.com/qXOc0SVOyS
— ANI (@ANI) November 30, 2019
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘यदि उन्हें अदालत ले जाया जाता है तो यह पर्याप्त नहीं होगा. उनसे वैसा ही व्यवहार होना चाहिए जैसा उन्होंने पीड़िता के साथ किया.’
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘यदि आप वैसा नहीं कर सकते तो उन्हें हमें सौंप दें.’
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया कि वे आरोपियों की 100 फीसदी दोषसिद्धि सुनिश्चित करेंगे और लोगों से सहयोग करने का अनुरोध किया.
इस बीच प्रक्रिया के तहत आरोपियों की चिकित्सकीय जांच करने वाले चिकित्सकों ने संवाददाताओं से कहा कि आरोपियों की स्थिति सामान्य है.
स्थानीय बार एसोसिएशन ने आरोपियों को कोई भी विधिक सहायता उपलब्ध नहीं करने का फैसला किया है.
बीते 28 नवंबर की रात में हैदराबाद शहर के बाहरी इलाके में सरकारी अस्पताल में कार्यरत 25 वर्षीय पशु चिकित्सक से चार युवकों ने बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी. ये चारों युवक लॉरी मजदूर हैं.
इस जघन्य अपराध के सिलसिले में चार युवकों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया. शनिवार को आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
इस घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश उत्पन्न हो गया है. घटना से आक्रोशित स्थानीय लोगों और सरकारी स्कूलों के एक समूह ने हैदराबाद-बेगलुरु रोड पर भी प्रदर्शन किया.
इससे पहले झारखंड की राजधानी रांची में 25 वर्षीय कानून की एक छात्रा को अगवा कर उसके साथ पुरुषों के समूह के सामूहिक बलात्कार करने की घटना सामने आई थी. मामले में सभी 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम ने हैदराबाद स्थित मृतक महिला डॉक्टर की के परिवार से मिली. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘पीड़ित परिवार ने बताया कि मामले में पुलिस कुछ नहीं कर रही है. पुलिस परिवार की बात नहीं सुन रही है. वो कह रही है कि वह (महिला डॉक्टर) घर से किसी के साथ भाग गई होगी. पुलिस अधिकार क्षेत्र को लेकर भी लड़ रही है कि किस थाना क्षेत्र में घटना हुई. वे एक जान बचा सकते थे.’
दिल्ली एक महिला प्रदर्शनकारी से पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार का आरोप
हैदराबाद बलात्कार कांड का विरोध करने वाली एक महिला प्रदर्शनकारी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने शनिवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है.
महिला प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि हेड कॉन्स्टेबल कुलदीप एवं मंजू तथा एक और पुलिसकर्मी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया, पीटा और धमकी दी. हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है.
Anil Mittal, Additional PRO, Delhi Police: It was explained to Anu Dubey that it is prohibited area & no kind of protest is allowed there. When she didn't follow the instructions, she was taken to police station by female police officers; she was released later. https://t.co/EH7ijAVX73
— ANI (@ANI) November 30, 2019
आयोग ने कहा कि अनु दुबे नामक प्रदर्शनकारी ने संसद मार्ग थाने के पुलिसकर्मियों पर दुर्व्यवहार, परेशान करने तथा हिंसा का आरोप लगाया. पीड़िता ने इस संबंध में संसद मार्ग थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है.
दिल्ली महिला आयोग ने नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी कर चार दिसंबर तक विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
आयोग ने नोटिस में यह पूछा है कि लड़की को पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है या नहीं. अगर दर्ज हो चुका है तो आयोग ने उसकी कॉपी मांगी है.
आयोग ने यह भी पूछा है कि लड़की जब अकेले और चुपचाप वहां विरोध कर रही थी तो उसे वहां से हटाने का क्या कारण था. इसके अलावा आयोग ने उन कर्मचारियों के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी है जो दुर्व्यवहार के आरोपी हैं.
आयोग ने बताया कि दुबे ने सूचित किया कि हैदराबाद के 27 वर्षीय डाक्टर के साथ भयावह बलात्कार तथा जलाकर उसकी हत्या करने की घटना के खिलाफ वह अकेले और मूक प्रदर्शन कर रही थी.
आयोग ने बताया कि वह संसद के सामने सामान्य तरीके से तख्तियां लिए खड़ी थीं. पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन वहां से हटाया और संसद मार्ग थाने में ले गए.
आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि पीड़ित महिला को कथित रूप से एक बिस्तर पर फेंका गया जहां तीन महिला पुलिसकर्मी उसके ऊपर बैठ गयीं और उसे पीटा. आयोग ने नोटिस में कहा है कि उसके शरीर पर चोट के निशान हैं और जख्मों से खून बह रहा था.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘हैदराबाद में बलात्कार की भयावह घटना से परेशान जब एक छात्रा अपनी आवाज उठाना चाहती थी तो दिल्ली पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और पिटाई की. मैंने पुलिस थाने में लड़की से मुलाकात की, वह डरी हुई है. यह दिखाता है कि उन लोगों का ऐसा ही हश्र होगा जो आवाज उठाते हैं?’
उन्होंने कहा, ‘डीसीडब्ल्यूडी इस शर्मनाक घटना को लेकर एक नोटिस जारी करेगी. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)