बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने इकोनॉमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. अब हम अगर आपकी खुले तौर पर आलोचना करें तो इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.
मुंबईः जाने-माने उद्योगपति और बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश में डर और अनिश्चित्ता का माहौल बना दिया है, इसके चलते लोग खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल बजाज ने शनिवार को इकोनॉमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से सवाल पूछते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है और लोग सरकार की आलोचना करने से डरते हैं.
राहुल बजाज ने सरकार की आलोचना करने के लिए उद्योगपतियों में विश्वास की कमी, सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए बयान पर उचित कार्रवाई नहीं करने और मॉब लिंचिंग को लेकर चिंता जताई.
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— Economic Times (@EconomicTimes) December 1, 2019
उन्होंने कहा, ‘हमारे उद्योगपति दोस्तों में से कोई नहीं बोलेगा, मैं खुले तौर पर इस बात को कहता हूं. एक माहौल तैयार करना होगा. जब यूपीए-2 सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. आप अच्छा काम कर रहे हैं, उसके बाद भी, हम आपकी खुले तौर पर आलोचना करें इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.’
राहुल बजाज ने संसद में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर हुए विवाद का भी जिक्र करते हुए कहा, ‘उन्होंने (प्रज्ञा ठाकुर) जब इसी तरह का बयान पहले भी दिया था तो उस समय प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि उन्हें माफ करना मुश्किल है लेकिन उसके बाद उन्हें (प्रज्ञा ठाकुर) सदन की समिति का सदस्य बना दिया गया.’
उद्योगपति बजाज ने देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ रही घटनाओं पर भी कहा, ‘एक माहौल तैयार किया गया है, असहिष्णुता की हवा है. हम डरते हैं, कुछ चीजों को हम बोलना नहीं चाहते हैं पर देखते हैं कि कोई दोषी ही नहीं सिद्ध हुआ अभी तक.’
राहुल बजाज के इन सवालों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा, ‘किसी को भी किसी से डरने की जरूरत नहीं है और जैसा आप कह रहे हैं कि डर का एक ऐसा माहौल बना है तो हमें इस माहौल को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए. मैं इतना स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि किसा को डरने की जरूरत नहीं और ना ही कोई डराना चाहता है.’
सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्होंने और राजनाथ सिंह जैसे भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने तुंरत प्रज्ञा ठाकुर के बयान की निंदा की थी.
अमित शाह ने कहा, ‘न ही भाजपा और न ही सरकार इस तरह के बयानों का समर्थन करती है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.’
गृहमंत्री ने कहा कि इसे लेकर भ्रम की स्थिति थी कि क्या प्रज्ञा ठाकुर का मतलब नाथूराम गोडसे से था या क्रांतिकारी उधम सिंह से. उन्होंने (प्रज्ञा) सदन में अपने बयान पर माफी मांग ली है.
अमित शाह ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर भी कहा, ‘लिंचिंग पहले भी होती थी, आज भी होती है. शायद आज पहले से कम ही होता है. पर ये भी ठीक नहीं है की किसी को दोषी सिद्ध नहीं किया गया है. लिंचिंग वाले बहुत सारे मामले चले हैं और समाप्त भी हो गए, सजा भी हुई है पर मीडिया में छपते नहीं हैं.’
इस दौरान मंच पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे.