भाजपा सांसद अनंत हेगड़े ने दावा किया कि महाराष्ट्र में विकास के लिए आए 40 हज़ार करोड़ रुपये को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन द्वारा दुरुपयोग से बचाने के लिए भाजपा ने ‘ड्रामा’ रचा. देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री बने और पंद्रह घंटे के अंदर यह राशि केंद्र को वापस कर दी. फड़णवीस ने इस बयान का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया.
कर्नाटक से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा है कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस को जल्दबाजी में शपथ इसलिए दिलाई क्योंकि वे विकास के लिए आए 40,000 करोड़ रुपये के फंड को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस कांग्रेस गठबंधन से बचाना चाहते थे.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कर्नाटक उपचुनाव के लिए प्रचार करते समय हेगड़े ने ऐसा कहा. उन्होंने कहा, ‘आप लोगों ने सुना ही होगा कि महाराष्ट्र में हमारा एक व्यक्ति 80 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बना. फिर फड़णवीस ने इस्तीफ़ा दे दिया. यह सब नाटक किसलिए हुआ? क्या हमें यह नहीं पता था कि हमारे पास बहुमत नहीं है और फिर भी वे मुख्यमंत्री बने?’
Ananth K Hegde,BJP: A CM has access to around Rs 40,000 Cr from Centre.He knew if Congress-NCP-Shiv Sena govt comes to power it would misuse funds meant for development. So it was decided that there should be a drama.Fadnavis became CM&in 15hrs he moved Rs40,000 Cr back to Centre pic.twitter.com/3SNymN1eMQ
— ANI (@ANI) December 2, 2019
हेगड़े ने आगे कहा, ‘सब यही सवाल कर रहे हैं. एक मुख्यमंत्री की पहुंच केंद्र के करीब 40 हजार करोड़ रुपये के फंड तक होती है. वह जानते थे कि अगर कांग्रेस-एनसीपी- शिवसेना सत्ता में आती है, तो विकास के लिए रखे गए इस फंड का दुरुपयोग करेगी. इसलिए यह फैसला लिया गया कि यह ड्रामा होना चाहिए. फड़णवीस मुख्यमंत्री बने और चालीस हजार करोड़ रुपये की इस राशि को केंद्र को वापस भेज दिया.’
हेगड़े के बयान के बाद शिवसेना ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई. शिवसेना सांसद प्रवक्ता संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा कि ऐसा करना महाराष्ट्र के साथ गद्दारी है.
Bjp mp @AnantkumarH says @Dev_Fadanvis as CM for 80 hours, moved maharashtra's 40000 cr Rs to center ? This is treachery with maharshtra , महाराष्ट्र के साथ गद्दारी है @Officeof UT
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 2, 2019
इसके तुरंत बाद ही देवेंद्र फड़णवीस द्वारा हेगड़े के इस दावे का खंडन किया गया. फड़णवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के 80 घंटों के दौरान उन्होंने किसी भी तरह के नीतिगत निर्णय नहीं लिए थे.
फड़णवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं इसे सिरे से नकारता हूं. ऐसी कोई घटना घटी नहीं है. मूल रूप से जो बुलेट ट्रेन है वह केंद्र सरकार की एक कंपनी के तहत तैयार हो रही है, जिसमें महाराष्ट्र सरकार का काम केवल भूमि अधिग्रहण का है और इसलिए महाराष्ट्र सरकार को पैसे देने का कोई सवाल ही नहीं उठता. वैसे भी चाहे बुलेट ट्रेन हो या कोई और चीज, केंद्र सरकार ने न महाराष्ट्र से कोई पैसा मांगा, न महाराष्ट्र सरकार ने दिया. इसलिए इस प्रकार का बयान बिल्कुल गलत है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं जब मुख्यमंत्री या कार्यवाहक मुख्यमंत्री था, तब मैंने कोई बड़ा नीतिगत फैसला लिया नहीं है और इसलिए मुझे लगता है कि यह बिल्कुल गलत बयानबाजी है. मैं इसको सिरे से नकारता हूं.’
#WATCH Former Maharashtra CM & BJP leader Devendra Fadnavis on Ananth K Hegde (BJP) remark, 'Devendra Fadnavis became CM & in 15 hours he moved Rs 40,000 crores back to Centre': No such major policy decision has been taken by me as CM. All such allegations are false. pic.twitter.com/wSEDOMGF4N
— ANI (@ANI) December 2, 2019
उन्होंने यह भी कहा, ‘जिस किसी को भी केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के एकाउंटिंग सिस्टम की समझ है, उन्हें यह पता है कि इस प्रकार से पैसा लिया-दिया नहीं जाता. मैं स्पष्ट तौर पर कहता हूं कि सरकार और सरकार का वित्त विभाग इसकी जांच करके इसके बारे में सच क्या है, वह जनता के सामने लाएं. इस प्रकार की गलतबयानी और अगर कोई इस तरह का बयान देता है तो उस पर प्रतिक्रिया देना भी गलत है.’
ज्ञात हो कि 22 नवंबर को एनसीपी नेता शरद पवार ने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच समझौते की घोषणा की थी कि उद्धव ठाकरे अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे, जो गठबंधन के सर्वसम्मत उम्मीदवार थे.
इसके बाद 24 नवंबर की सुबह अप्रत्याशित रूप से भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं, शरद पवार भतीजे और एनसीपी नेता अजीत पवार ने उनके साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि बहुमत न होने के चलते इन दोनों ने 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया.