आईएनएक्स मीडिया मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को सशर्त जमानत दी

आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को सबसे पहले सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था. वह बीते 105 दिनों से जेल में बंद हैं.

/
New Delhi: Senior Congress leader and former finance minister P Chidambaram after being produced in the Rouse Avenue Court in connection with the INX Media corruption case, in New Delhi, Tuesday, Oct. 15, 2019. The court allowed Enforcement Directorate to go on Wednesday to Tihar jail, where the Congress leader is lodged, and question and, if required, arrest him. (PTI Photo) (PTI10_15_2019_000197B)

आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को सबसे पहले सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था. वह बीते 105 दिनों से जेल में बंद हैं.

New Delhi: Senior Congress leader and former finance minister P Chidambaram after being produced in the Rouse Avenue Court in connection with the INX Media corruption case, in New Delhi, Tuesday, Oct. 15, 2019. The court allowed Enforcement Directorate to go on Wednesday to Tihar jail, where the Congress leader is lodged, and question and, if required, arrest him. (PTI Photo) (PTI10_15_2019_000197B)
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता में जजों की तीन सदस्यीय पीठ ने ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के बॉन्ड पर जमानत दी. वह 105 दिनों से पुलिस हिरासत में हैं.

अदालत ने यह भी कहा कि साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने से बचने के लिए चिंदबरम को प्रेस को साक्षात्कार नहीं देना है.

चिदंबरम के देश छोड़कर जाने पर रोक लगा दी गई इसलिए उनके पासपोर्ट को जब्त कर लिया गया है. अदालत ने जेल से बाहर आने के बाद उनके मीडिया से बात करने या मीडिया को साक्षात्कार देने पर भी रोक लगा दी है.

अदालत ने चिंदबरम की जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 15 नवंबर के आदेश को निरस्त के खिलाफ दायर चिदंबरम की याचिका पर पिछले सप्ताह फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अदालत में बहस के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा था कि चिदंबरम हिरासत में रहने के दौरान भी महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करना जारी रख सकते हैं.

वहीं, चिदंबरम ने कहा था कि ईडी आधारहीन आरोप लगाकर उनके करियर और प्रतिष्ठा को बर्बाद नहीं कर सकती.

चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आर्थिक अपराध काफी गंभीर होते हैं. ये न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं बल्कि सिस्टम में लोगों के विश्वास को भी हिलाते हैं, विशेष रूप से तब जब ये अपराध सत्ता में बैठ लोग करते हैं.

पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम का केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस कथित अपराध से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चिदंबरम के जुड़े होने के कोई सबूत नहीं हैं और न ही इस बात के कोई प्रमाण हैं कि उन्होंने (चिदंबरम) गवाहों को प्रभावित किया या साक्ष्यों से छेड़छाड़ की.

इस फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, ‘इंसाफ में देरी नाइंसाफी है. जमानत बहुत पहले मिल जाना चाहिए था. तीन महीने पहले की तुलना में कुछ भी अलग नहीं है.’

चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘आखिरकार, 106 दिनों बाद.’

मालूम हो कि आईएनएक्स मामले में सबसे पहले सीबीआई ने उन्हें 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था. सीबीआई वाले मामले में उन्हें 22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

चूंकि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम आईएनएक्स मामले में ही ईडी द्वारा दर्ज एक अन्य केस में गिरफ्तार किए गए थे, इसलिए उस समय सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी वे जेल से बाहर नहीं आ सकते थे. हालांकि अब उनके बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.

सीबीआई ने 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था जिसमें आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था. इस दौरान चिदंबरम वित्त मंत्री थे.