मामला मुज़फ़्फ़रनगर का है, जहां एक गांव के सरकारी स्कूल में मिड डे मील के दौरान खाने से मरा हुआ चूहा मिलने के बाद एक शिक्षक और आठ बच्चों की तबियत खराब हो गई. जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील के दौरान परोसे गए खाने में मरा हुआ चूहा मिलने की घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अमित कुमार सिंह के अनुसार मुजफ्फरनगर के मुस्तफाबाद पंचेडा गांव के जनता इंटर कॉलेज में मिड डे मील के दौरान एक के खाने से मरा हुआ चूहा मिलने के बाद आठ छात्रों और एक शिक्षक की तबियत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उन्होंने बताया कि उस समय तक किसी ने खाना नहीं खाया था. सिंह ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
राज्य के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि स्कल में खाने की सप्लाई करने वाले एनजीओ ‘जनकल्याण सेवा समिति’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
अमर उजाला के अनुसार, एफआईआर में जनकल्याण सेवा समिति, हापुड़ के अतिरिक्त प्रधानाचार्य विनोद कुमार, सहायक अध्यापक संजीव कुमार, मुन्नू प्रसाद और बबीता को भी नामजद किया गया है.
द्विवेदी ने कहा, ‘शुरुआती जांच के मुताबिक एक एनजीओ ने खाने की सप्लाई की थी. हमने उस एनजीओ को ब्लैकलिस्ट कर दिया है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.’
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मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में मिड डे मील में लापरवाही बरतने का यह कोई पहला मामला नहीं है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के एक स्थानीय स्कूल में मिड डे मील योजना के तहत कथित तौर पर एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर 85 छात्रों को पिलाने का मामला सामने आया था.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में नमक-रोटी खिलाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद वीडियो बनाने वाले पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
वहीं, इससे पहले उत्तर प्रदेश के ही सीतापुर में एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील में कथित तौर पर पानी में हल्दी डालकर चावल परोसने का मामला सामने आया था.
हाल ही में लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरयाल निशंक ने बताया था कि बीते तीन साल के दौरान देशभर में मिड डे मील खाने के बाद 931 बच्चे बीमार पड़ने की शिकायत सामने आई हैं. साथ ही मिड डे मील योजना में भ्रष्टाचार की 52 शिकायतें मिली हैं, जिनमें सर्वाधिक 14 मामले उत्तर प्रदेश से हैं. इसके बाद बिहार में सात मामले दर्ज किए गए.