सरकार को अर्थव्यवस्था की कोई ख़बर नहीं, असामान्य रूप से मौन हैं प्रधानमंत्री: चिदंबरम

106 दिन जेल में रहने के बाद अपनी पहली प्रेस वार्ता में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकाला जा सकता है लेकिन यह सरकार ऐसा करने में अक्षम है. प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों को लोगों को बेवक़ूफ़ बनाने तथा शेखी बघारने के लिए छोड़ दिया है.

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पी. चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)

106 दिन जेल में रहने के बाद अपनी पहली प्रेस वार्ता में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकाला जा सकता है लेकिन यह सरकार ऐसा करने में अक्षम है. प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों को लोगों को बेवक़ूफ़ बनाने तथा शेखी बघारने के लिए छोड़ दिया है.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर असामान्य रूप से मौन हैं और उन्होंने अपने मंत्रियों को ‘लोगों को बेवकूफ बनाने तथा शेखी बघारने’ के लिए छोड़ दिया है.

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार का मानना है कि इस वित्त वर्ष के सात माह बाद भी अर्थव्यवस्था के सामने आ रही समस्याएं चक्रीय हैं. चिदंबरम 106 दिन जेल में रहे और उन्हें बुधवार को जमानत पर रिहा किया गया.

उन्होंने कहा, ‘सरकार को अर्थव्यवस्था की कोई खबर नहीं है. वह नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी, कर आतंकवाद जैसी भयानक गलतियों का बचाव करने पर अड़ी हुई है.’

चिदंबरम ने कहा, ‘प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था पर असामान्य रूप से मौन हैं. उन्होंने इसे अपने मंत्रियों पर छोड़ दिया है जो ‘लोगों को बेवकूफ बनाने तथा शेखी बघारने’ में लगे हैं. अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकाला जा सकता है लेकिन यह सरकार ऐसा करने में अक्षम है.’

वहीं, जम्मू-कश्मीर के हालात पर मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि वहां लोगों की बुनियादी स्वतंत्रता को दबाने के लिए इन्होंने गलत सोच और गलत इरादे के साथ एक नीति तैयार की. उन्होंने कहा कि वह अगर सरकार उन्हें इजाजत दे तो वे जम्मू कश्मीर जाना चाहते हैं.

जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के फैसले का उल्लेख करते हुए चिंदबरम ने कहा, कल शाम 8 बजे आज़ादी की सांस लेने के बाद मैंने सबसे पहले कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए प्रार्थना की, जिन्हें 4 अगस्त से अपनी बुनियादी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया है.

खासतौर पर मैं उन राजनीतिक नेताओं को लेकर चिंतित हूं जिन्हें बिना किसी आरोप के हिरासत में रखा गया है. आजादी पर कोई बहस नहीं हो सकती है, अगर हमें अपनी आजादी रखनी है तो हमें उनकी आजादी के लिए लड़ना होगा.

इससे पहले बृहस्पतिवार को संसद पहुंचे चिदंबरम ने कहा कि सरकार संसद में उनकी आवाज दबा नहीं सकती. चिदंबरम ने आज संसद भवन परिसर में कांग्रेस सांसदों के साथ, प्याज की कीमतों पर हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, ‘मैं वापस आकर खुश हूं. सरकार संसद में मेरी आवाज नहीं दबा सकती.’

कांग्रेस सांसदों ने आज संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्याज की बढ़ती कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया जिसमें पी चिदंबरम के अलावा गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, कुमारी शैलजा, के सुरेश, कार्ति चिदंबरम आदि ने हिस्सा लिया.

कांग्रेस सांसदों के हाथों में पोस्टर थे जिस पर लिखा था, ‘महंगाई पर प्याज की मार, बंद करो मोदी सरकार.’ वे प्याज की कीमत कम करने के लिये कदम उठाने की मांग भी कर रहे थे. कांग्रेस सांसद अपने साथ एक टोकरी प्याज भी लेकर आए थे.

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा था कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये कई कदम उठाये हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय शामिल हैं.

इस दौरान पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने प्याज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए बृहस्पतिवार को पूछा कि ‘क्या वह ‘एवोकैडो’ खाती हैं ?’

इसके बाद अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘मैं व्यंग्य नहीं कर रहा था, मैं तो उनको उद्धृत कर रहा था. उन्हें पहले ही फैसला कर लेना चाहिए था, अब आयात (प्याज का) करने का क्या मतलब है, यह कब आएगा. लेकिन, अगर वित्त मंत्री कहती हैं कि वह प्याज नहीं खाती हैं तो यह इस सरकार की मानसिकता को दिखाता है.’

उल्लेखनीय है कि बुधवार को एक सांसद ने सीतारमण से पूछा कि ‘क्या वह प्याज खाती हैं’, इस पर उन्होंने कहा था, ‘मेरे परिवार में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं होता.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)