हैदराबाद की डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के चारों आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने को ‘फर्जी’ बताते हुए जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि ये जांच सीबीआई, एसआईटी, सीआईडी या किसी अन्य निष्पक्ष जांच एजेंसी से कराई जाए जो तेलंगाना राज्य के अंतर्गत ना हो.
हैदराबाद: हैदराबाद की डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की जांच के लिए तेलंगाना सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है. इस संबंध में रविवार को एक सरकारी आदेश जारी किया गया है.
आदेश में कहा गया है कि चारों आरोपियों की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इसे तर्क और सच्चाई के साथ स्थापित करने की दृष्टि से इस मामले की लगातार और केंद्रित जांच की आवश्यकता है और इसके लिए विशेष जांच दल गठित किया गया है.
आदेश में कहा गया है कि रचाकोंडा पुलिस आयुक्त महेश एम. भगत के नेतृत्व वाले आठ सदस्यीय एसआईटी दल को ‘मुठभेड़’ के संबंध में दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में लेनी चाहिए और इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इससे संबंधित सभी दर्ज मामलों की जांच एसआईटी को सौंप दी जानी चाहिए.
Government of Telangana constitutes a Special Investigation Team (SIT) for investigation into the encounter by police against the 4 accused who were involved in a woman veterinarian's rape and murder. The SIT will be headed by Rachakonda Police Commissioner Mahesh M Bhagwat. pic.twitter.com/0zfYBqyLyv
— ANI (@ANI) December 8, 2019
चेट्टनपल्ली में शुक्रवार सुबह सभी आरोपी पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में शुक्रवार सुबह मारे गए थे. आरोपियों को घटना की जांच के संबंध में अपराध स्थल पर ले जाया गया था, जहां पुलिया के निकट 25 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक का शव 28 नवंबर को मिला था.
साइबराबाद पुलिस का कहना है कि दो आरोपियों ने पुलिसकर्मी से हथियार छीन लिए थे और गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं जिसके बाद पुलिस ने ‘जवाबी कार्रवाई’ में गोलियां चलाईं.
लाइव लॉ के अनुसार, वहीं इस मुठभेड़ को ‘फर्जी’ बताते हुए जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के लिए सहमति जताई है.
सोमवार को वकील जीएस मणि ने अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की तो पहले सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि तेलंगाना हाईकोर्ट पहले ही मामले में संज्ञान ले चुका है, लेकिन याचिकाकर्ता के जोर देने पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वो बुधवार को इस पर विचार करेंगे.
दरअसल वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने अपनी याचिका में मांग की है कि इस मुठभेड़ पर पुलिस टीम के मुखिया समेत सभी अफसरों पर एफआईआर दर्ज कर जांच कराई जानी चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि ये जांच सीबीआई, एसआईटी, सीआईडी या किसी अन्य निष्पक्ष जांच एजेंसी से कराई जाए जो तेलंगाना राज्य के अंतर्गत ना हो. साथ ही जांच टीम की अगुवाई साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वीसी सजनार से उच्च पद के अफसर से कराई जाए.
याचिका में कहा गया है कि ये भी जांच हो कि क्या मुठभेड़ को लेकर पीयूसीएल व अन्य बनाम भारत संघ मामले में 2014 में दी गई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया गया है या नहीं. इसके साथ ही तेलंगाना सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक से घटना संबंधी सारा रिकॉर्ड तलब करने का अनुरोध किया गया है.
दूसरी याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल कर कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से जांच के साथ-साथ आरोपियों के खिलाफ टिप्पणी करने पर राज्य सभा सासंद जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जब तक ऐसे मामलों में शामिल आरोपी अदालत द्वारा दोषी करार ना दिए जाएं, मीडिया में बहस पर रोक लगाई जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)