पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और दिनेश गुंडू राव ने पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार जुलाई में गिर गई थी. बागी विधायकों को अयोग्य क़रार दिए जाने के कारण ये उपचुनाव कराया गया.
बेंगलुरु: सत्तारूढ़ भाजपा ने कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सोमवार को 12 सीटों पर जीत दर्ज कर राज्य विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया जबकि विपक्षी कांग्रेस ने दो और निर्दलीय ने एक सीट पर जीत हासिल की.
विपक्षी दल कांग्रेस और जेडीएस के लिए ये नतीजे एक बड़ा झटका हैं.
पूर्व के चुनाव में इन 15 सीटों में से 12 सीटें जीतने वाली कांग्रेस केवल दो निर्वाचन क्षेत्रों हुनासुरु और शिवाजीनगर में ही जीत हासिल कर पाई.
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जेडीएस ने विधानसभा चुनाव के दौरान इन 15 सीटों में तीन निर्वाचन क्षेत्रों- केआर पेटे, महालक्ष्मी लेआउट और होंसुर में जीत हासिल की थी.
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव में भाजपा ने 15 में से 12 सीटों पर, कांग्रेस ने दो और निर्दलीय ने एक सीट पर जीत दर्ज की.
होसकोटे से निर्दलीय उम्मीदवार शरथ बच्चेगौड़ा ने जीत हासिल की.
जीत हासिल करने वाले भाजपा के 12 उम्मीदवारों में अरबैल शिवराम हेब्बार (येल्लापुर), नारायण गौड़ा (केआर पेटे), बीसी पाटिल (हीरेकेरूर), श्रीमंत पाटिल (कगवाड), महेश कुमथल्ली (अथानी), के. सुधाकर (चिकबल्लापुर), के. गोपालैया (महालक्ष्मी ले आउट), आनंद सिंह (विजयनगर), रमेश जारकिहोली (गोकक), और अरुण कुमार गुट्टूर (राणेबेन्नूर), एसटी सोमशेखर (यशवंतपुर) और बेराठी बसवराज (केआर पुरम) हैं.
राज्य की 225 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए भाजपा को 15 सीटों में कम से कम छह सीटों पर जीत की जरूरत थी. दो सीटें- मास्की और आरके नगर अभी भी रिक्त हैं. इन दो सीटों का मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में फिलहाल लंबित होने की वजह से 15 सीटों पर ही उपचुनाव हुए.
प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने कर्नाटक में जनादेश का अपमान किया था, पीठ में छुरा घोंपा था. अब इन पार्टियों को धूल खाकनी पड़ेगी.’
मालूम हो कि कर्नाटक की येल्लापुर, रानेबेन्नूर, विजयनानगर, यशवंतपुर, महालक्ष्मी लेआउट, चिकबल्लापुर, केआर पुरम, शिवाजीनगर, केआर पेटे, हुनासुरु, अठानी, कगवाड, गोकक, हिरेकेरुर और होसकोटे सीटों पर पांच दिसंबर को उपचुनाव हुए थे. कर्नाटक के नौ जिलों के इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में 66.25 फीसदी मतदान हुआ था.
विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के बाद विधानसभा में इस समय 208 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं.
बसपा का भी एक विधायक है. इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हैं.
कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार जुलाई में गिर गई थी और इसके बाद बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा सत्ता में आई थी. बागी विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के कारण ये उपचुनाव कराया गया है.
सिद्धारमैया का सीएलपी नेता और गुंडू राव का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा
कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के नेता (सीएलपी) पद से और दिनेश गुंडू राव ने पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे एक पत्र में सिद्धरमैया ने उपचुनावों में संतोषजनक परिणाम नहीं दे पाने के लिए खेद व्यक्त किया.
उन्होंने लिखा, ‘मुझे नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सीएलपी के नेता के रूप में पद छोड़ने की आवश्यकता लगती है.’
सिद्धरमैया ने पत्रकारों से कहा, ‘सीएलपी नेता के रूप में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखने की जरूरत है. पार्टी के हित में मैंने सीएलपी नेता के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है.’
उधर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी उपचुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
राव ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘आज मैंने इस पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया. मैंने अपना इस्तीफा हमारी पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है.’
कांग्रेस विधायक दल के नेता (सीएलपी) पद से सिद्धरमैया के इस्तीफा दिये जाने की घोषणा के कुछ मिनटों बाद राव ने यह घोषणा की.
राव ने कहा, ‘मैं भी नैतिक और राजनीतिक जिम्मेदारी लेता हूं. मैंने उपचुनाव में हमारी पार्टी की खराब संभावनाओं के बारे में दिल्ली के हमारे नेताओं से चर्चा की थी कि अगर कुछ गलत होता है, तो मुझे उसके अनुसार निर्णय लेना होगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)