बीते 11 दिसंबर से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद से असम के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन जारी हैं. आसू नेता समेत 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. बाद में रिहा किए गए. गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में थोड़ी राहत.
गुवाहाटी/शिलॉन्ग/नई दिल्ली: असम में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बीते 11 दिसंबर से जारी विरोध प्रदर्शन सोमवार को भी जारी है. इस बीच रविवार को दो और लोगों की मौत होने के बाद राज्य में हिंसा के दौरान मरने वालों की संख्या पांच हो गई है.
राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने में सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से प्रदेश में सोमवार को अगले 24 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा को और स्थगित रखने का फैसला किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बीच राज्य में बीते बुधवार 11 दिसंबर से ही इंटरनेट सेवा स्थगित है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं राजनीतिक मामले) संजय कृष्ण ने बताया, ‘समूचे असम में इंटरनेट सेवाएं मंगलवार तक स्थगित रहेंगी.’
उनके अनुसार, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि फेसबुक, वाट्सऐप, ट्विटर और यू-ट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया माध्यमों के अफवाहों को फैलाने के लिए इस्तेमाल होने के साथ ही तस्वीरें, वीडियो और टेक्स्ट में संदेश भेजने की होने की आशंका है. इनसे आक्रोश भड़क सकता है और कानून-व्यवस्था के लिये गंभीर स्थिति बन सकती है.
राज्य में बीते 11 दिसंबर को शुरू में सिर्फ 10 जिलों में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा रोकी गई थी, अगले दिन 12 दिसंबर को इसे पूरे प्रदेश में अगले 48 घंटों के लिए बढ़ा दिया गया.
मालूम हो कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में असम में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. विभिन्न शहरों में आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा.
CBDT: Considering the disruption of internet services in Assam, Tripura,Arunachal Pradesh,Meghalaya,Nagaland, Manipur&Mizoram,CBDT has decided to extend last date for payment of Dec installment of advance tax for FY 2019-20, from 15 to 31 Dec,'19 for all assessees in these states pic.twitter.com/PoP3SaqD5y
— ANI (@ANI) December 16, 2019
इस बीच नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं पर लगी पाबंदी की वजह से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर जमा करने की आखिरी तारीख 15 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दी है.
असम के पूर्व मुख्यमंत्री और असम गण परिषद (एजीपी) नेता प्रफुल्ल कुमार महंता ने कहा, ‘हम इसका (नागरिकता संशोधन कानून) समर्थन नहीं करने जा रहे हैं. हर कोई इसका विरोध कर रहा है. यह असम समझौते का उल्लंघन करेगा और असम के मूल निवासियों को अल्पसंख्यक बना देगा. असम गण परिषद इसका विरोध करती है. हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.’
बता दें कि एजीपी असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है और पार्टी के तीन नेता राज्य की कैबिनेट में हैं. असम गण परिषद ने संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया था, जिसके बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के कई नेताओं ने पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया.
मालूम हो कि बीते 11 दिसंबर को संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद से असम एवं उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों में बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बीते 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ ही ये विधेयक अब कानून बन गया है.
इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.
असम में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान अब तक चार से पांच लोगों के मौत होने की पुष्टि हो चुकी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुवाहाटी में बीते 15 दिसंबर को दो युवकों की मौत के बाद असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
25 वर्षीय ईश्वर नायक के परिवार ने आरोप लगाया कि वह पुलिस फायरिंग में मारे गए. गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते 12 दिसंबर को पुलिस फायरिंग में उन्हें गोली लगी थी. नायक उदालगुड़ी जिले के रहने वाले थे.
रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को ही 23 वर्षीय अब्दुल अलीम की मौत हो गई. वह बरपेट जिले के रहने वाले थे. गुवाहाटी में पुलिस फायरिंग के दौरान बीते 12 दिसंबर को वह घायल हो गए थे. उनकी भी मौत जीएमसीएच में हुई.
इससे पहले बीते 14 दिसंबर को सोनितपुर जिले में प्रदर्शनकारी भीड़ द्वारा ट्रक में आग लगाने की वजह से 48 वर्षीय ड्राइवर अजीजुर अली की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में बिजॉय नाथ नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
बीते 12 दिसंबर को पुलिस फायरिंग से दो लोगों की मौत जीएमसीएच में हो गई थी.
पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में लगातार प्रदर्शन चल रहा है. पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों को डर है कि इन लोगों के प्रवेश से उनकी पहचान और आजीविका खतरे में पड़ सकती है.
असम में रहने वाले लोगों का कहना है कि इससे असम समझौता 1985 के प्रावधान निरस्त हो जाएंगे, जिसमें बिना धार्मिक भेदभाव के अवैध शरणार्थियों को वापस भेजे जाने की अंतिम तिथि 24 मार्च 1971 तय है.
गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में कुछ राहत
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में सप्ताह भर से चले रहे प्रदर्शनों के बीच गुवाहाटी में सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक कर्फ्यू में ढील देने से शहर में हालात कुछ हद तक सामान्य हुए हैं. असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजीव सैकिया ने यह जानकारी दी.
हालांकि सैकिया ने बताया कि गुवाहाटी में रात का कर्फ्यू लागू रहेगा.
असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जीपी सिंह ने रविवार को ट्वीट किया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के मद्देनजर कर्फ्यू से राहत देने के समय को बढ़ाया गया है.
सिंह ने ट्वीट किया, ‘स्थिति में काफी सुधार आया है, गुवाहाटी में दिन में कर्फ्यू को 16 दिसंबर सुबह छह बजे से हटा लिया गया है. रात का कर्फ्यू रात नौ बजे से अगले दिन सुबह छह बजे तक लागू रहेगा.’
वहीं डिब्रूगढ़ जिले में कर्फ्यू में सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक की ढील दी गई है. जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, प्रशासन की अनुमति के बिना डिब्रूगढ़ में आयोजित किसी भी प्रदर्शन बैठक को दोपहर तीन बजे से पहले खत्म करना जरूरी होगा.
साथ ही अधिकारी ने कहा कि यह कदम अंधेरा होने के बाद शरारती तत्वों के आम लोगों के साथ मिल जाने को रोकने के लिए उठाया गया है.
पुलिस रविवार से ही लाउडस्पीकर के जरिये लोगों को कर्फ्यू से राहत और उसके पुन: लागू होने के बारे में सूचना दे रही है.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हजारों लोगों के सड़कों पर उतर जाने के बाद से असम पिछले कई दिनों से गुस्से की आग में जल रहा है.
हिंसाग्रस्त असम में मदद की राह देख रहे लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए
नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में मदद की राह देख रहे लोगों के लिए सरकार ने सोमवार को असम में मौजूद केंद्र तथा राज्य के सुरक्षा और राहत बलों के हेल्पलाइन नंबर प्रचारित किए.
केंद्रीय बलों में शामिल एनडीआरएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एसएसबी राज्य की राजधानी गुवाहाटी में हैं.
राज्य स्तरीय बल आपदा प्रतिक्रिया बल और नागरिक सुरक्षा बल हैं.
राज्य स्तरीय आपदा अभियान केंद्र दिसपुर में स्थित है और उसका संपर्क नंबर है: 1079 तथा 9401044617.
कामरूप में जिला स्तरीय आपात अभियान केंद्र के फोन नंबर हैं: 1077 तथा (0361) 2733052.
आसू नेता समेत 100 से अधिक प्रदर्शनकारी हिरासत में, बाद में रिहा किया गया
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सोमवार को गुवाहाटी में एक रैली के दौरान ऑल असम स्टूडेंट्स यूनिय (आसू) के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य और महासचिव लुरिंज्योति गोगोई को 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस हिरासत में लिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि आसू के तीन दिवसीय ‘सत्याग्रह’ की शुरुआत सुबह हुई और उपायुक्त कार्यालय की तरफ मार्च करने से पहले लतासिल मैदान में नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया.
भट्टचार्य ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि हमें गिरफ्तार किया जा सकता है लेकिन मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमारी मांग है कि संशोधित नागरिकता कानून वापस लें या हमें गिरफ्तार करें.’
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अनुशासित रहने की अपील की.
अधिकारियों ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी दीघालीपुखुरी क्षेत्र के निकट पहुंच गए तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा, ‘आसू नेताओं ने अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ खुद गिरफ्तारी दी लेकिन उन्हें अब छोड़ दिया गया है.’
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और उन्हें दीघालीपुखुरी के एक मैदान में रखा गया था.
इस रैली में छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, शिक्षकों, वकीलों, डॉक्टरों, साहित्यकारों, गायकों, संगीतकारों और कलाकारों ने हिस्सा लिया.
शिलॉन्ग में बाज़ार खुले तो बैंको में लगी लंबी कतारें
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के बाद उत्पन्न हुए तनाव से मेघालय वासियों को सोमवार को थोड़ी राहत मिली और क्रिसमस से पहले लोग बैंक तथा बाजारों का रुख करते नजर आए.
पूर्वी खासी हिल्स जिले के डीएम एमडब्ल्यू नोनगबरी ने कहा कि सदर और लुमदिएनगिरी थाना क्षेत्रों के तहत आने वाले इलाकों में कर्फ्यू में 13 घंटे की ढील दी गई है.
जिले के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थिति बेहतर हो रही है और कर्फ्यू और उसके हटाए जाने के बाद भी किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है.
बैंकों में लंबी कतारें दिखीं.
बैंक के एक अधिकारी ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति बेहतर होने से व्यवसायिक लेन-देन चल रहा है.’
क्रिसमस सीजन से पहले पुलिस बाजार और लेव दुह के मुख्य बाजारों में दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुले.
कन्फेडरेशन ऑफ मेघालय सोशल ऑर्गेनाइजेशन (कॉम्सो) ने राज्य सरकार द्वारा राज्य में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) लागू करने के प्रस्ताव को 19 दिसंबर को पारित करने के निर्णय पर खुशी जाहिर की.
कॉम्सो नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सभी समूहों का प्रमुख संगठन है.
कॉम्सो के अध्यक्ष आर. खरजहरिन ने बताया कि संगठन के सदस्य शांतिपूर्ण तरीके से कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे और सोमवार शाम मल्की इलाके में धरना देंगे.
उन्होंने कहा, ‘हम नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे और चाहते हैं कि मेघालय को इसके दायरे से पूरी तरह छूट दी जाए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)