बिहारः नागरिकता क़ानून विरोध प्रदर्शन में शामिल युवक की हत्या मामले में छह गिरफ़्तार

बिहार पुलिस नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल की एक रैली में हिस्सा लेने गए अमीर हंजला नाम के एक युवक की हत्या की जांच कर रही है.

/
अमीर हंजला.

बिहार पुलिस नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल की एक रैली में हिस्सा लेने गए अमीर हंजला नाम के एक युवक की हत्या की जांच कर रही है.

अमीर हंजला.
अमीर हंजला.

पटनाः नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की एक रैली में हिस्सा लेने वाले एक युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोग हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, युवक को आखिरी बार दस दिन पहले आरजेडी की एक रैली में हाथों में झंडा लिए प्रदर्शन में हिस्सा लेते देखा गया था. बाद में 31 दिसंबर को उसका शव बरामद किया गया.

पुलिस का कहना है कि ‘हिंदूपुत्र’ संगठन के नागेश सम्राट (23) और ‘हिंदू समाज संगठन’ के विकास कुमार (21) पर युवक अमीर हंजला की हत्या का मामला दर्ज किया गया है. अमीर (18) फुलवारी शरीफ इलाके में बैग की सिलाई का काम करते थे.

फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन  के प्रभारी रफीकुर रहमान ने कहा, ‘हमारी जांच में पता चला है कि प्रदर्शन में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा बलप्रयोग करने के बाद अमीर हंजला ने घटनास्थल से जाने की कोशिश की लेकिन संगत गली में कुछ लड़कों ने उन्हें पकड़ लिया.’

पुलिस ने आगे कहा, ‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि उन्हें ईंट और अन्य धारदार हथियारों से मारा गया, जिससे उनकी मौत हो गई. उनके सिर पर चोटें लगी थीं और शरीर पर दो कटने के निशान भी थे. उनके पेट से बहुत सारा खून निकला, जिससे पता चला है कि उन्हें आंतरिक रक्तस्राव भी हुआ.’

हंजला के पिता सुहैल अहमद ने कहा कि उनके बेटे ने पहली बार किसी प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. अहमद ने कहा, ‘उसका क्या कसूर था? उसने हाथ में तिरंगा पकड़ा हुआ था.’

पुलिस ने पुष्टि की है कि ‘हिंदूपुत्र’ संगठन उन 19 संगठनों में से एक है, जिनके बारे में बिहार पुलिस की विशेष शाखा ने बीते मई महीने में इन संगठनों के कार्यालयों और संबद्ध लोगों के बारे में जानकारी मांगी थी.

हंजला की हत्या मामले में अन्य जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे दीपक महतो, छोटू महतो, सनोज महतो उर्फ धेलवा और रईस पासवान हैं, जिन्हें पुलिस ने अपराधी बताया है. पुलिस का कहना है कि दीपक, छोटू और सनोज को हंजला के शव की लोकेशन के बारे में पता था.


यह भी पढ़ें: नागरिकता क़ानून: प्रदर्शन के दौरान पटना में मारे गए युवक की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?


पुलिस आरजेडी के बंद और विरोध प्रदर्शन के फेसबुक लाइव वीडियो के जरिए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने में सम्राट और कुमार की भूमिका की भी जांच कर रही है.

पुलिस प्रभारी रहमान ने कहा, ’21 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक तनाव भड़काने में इन दोनों युवाओं की प्रमुख भूमिका थी.’ उन्होंने कहा कि इन दोनों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचने का मामला भी दर्ज किया गया है.

इन वीडियो में से एक में दिख रहा है कि कुमार पुलिस पर हिंदुओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे हैं और सभी हिंदुओं से फुलवारी शरीफ आने को कह रहे हैं. एक अन्य वीडियो में सम्राट ने खुद को हिंदूपुत्र बताया है.

रहमान ने कहा, ‘हम दोनों संगठनों के शीर्ष लोगों से पूछताछ करेंगे. इस तरह के संगठन बाहर से भीड़ को इकट्ठा करने का काम करते हैं. ये दोनों लड़के पटना के नहीं हैं. तीन साल पहले भी सांप्रदायिक तनाव के दौरान इसी तरह भीड़ को इकट्ठा किया गया था. हम और अधिक साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं. हमारा केस बहुत मजबूत है.’

परिवार के मुताबिक, हंजला ने 10वीं कक्षा की परीक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और सिलाई का काम करने लगे थे.

पुलिस प्रमुख रहमान ने कहा, ‘वे (हंजला ) 21 दिसंबर को अपनी साइकिल से काम के लिए घर से निकले थे लेकिन बंद की वजह से उनका सिलाई कारखाना बंद था इसलिए वह आरजेडी के विरोध मार्च में शामिल हो गया. वीडियो में उसे हाथ में तिरंगा पकड़े देखा जा सकता है. उनके घरवालों ने आखिरी बार उनसे सुबह 11.45 पर बात की थी और उनका मोबाइल स्विच ऑफ होने से पहले उनकी आखिरी लोकेशन फुलवारी शरीफ ब्लॉक ऑफिस के पास थी. इसी इलाके से उनका शव बरामद हुआ.’

हंजला के पिता ने 21 दिसंबर की रात को अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उनका परिवार दरभंगा का रहने वाला है और पिछले आठ साल से फुलवारी शरीफ इलाके के हारुन नगर में किराए के मकान में रह रहा है.