मुंबई की कोलाबा पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में कलाकार महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ मामला दर्ज किया है. महक मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर बीते सोमवार रात नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन में शामिल हुई थीं.
मुंबईः मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर बीते सोमवार रात नागरिकता कानून के विरोध में आजाद मैदान में प्रदर्शन के दौरान हाथ में ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर लेकर नजर आई महिला के खिलाफ मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जेएनयू कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हमले के विरोध में सोमवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर हाथ में फ्री कश्मीर का प्लेकार्ड लेकर प्रदर्शन करने वाली महिला के खिलाफ कोलाबा की पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
कोलाबा पुलिस ने दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने के मामले पर कलाकार महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. भाजपा नेता किरीट सौमेया ने मंगलवार को राष्ट्रविरोधी नारों को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
#WATCH Mumbai: Poster reading, 'Free Kashmir' seen at Gateway of India, during protest against yesterday's violence at Delhi's Jawaharlal Nehru University. #Maharashtra pic.twitter.com/i7SeImYxCE
— ANI (@ANI) January 6, 2020
कोलाबा पुलिस का कहना है कि उन्होंने इस तरह के राष्ट्रविरोधी नारों पर स्वतः संज्ञान लिया है और महक मिर्जा प्रभु नाम की महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
उनके खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में धारा 153बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. महक मिर्जा प्रभु (38) ने इस बीच माफी मांगते हुए कहा कि इस मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है.
प्रभु ने कहा कि उन्होंने घाटी में इंटरनेट बंद करने के विरोध में प्लेकार्ड दिखाया था. उन्होंने कहा कि वह सोमवार को रात लगभग सात बजे प्रदर्शनस्थल पहुंची और वहां दो घंटे तक रुकी थीं.
Mehek, the girl who was seen holding a poster with slogan, 'Free Kashmir' on it, at Gateway of India in Mumbai yesterday, during protest against #JNUViolence: Yesterday I reached Gateway of India around 7 pm and like anyone else who believes in democracy, I joined the protest. pic.twitter.com/PawlaL48DO
— ANI (@ANI) January 7, 2020
उन्होंने कहा, ‘अभिव्यक्ति की आजादी एक संवैधानिक अधिकार है और इंटरनेट बंद करके कश्मीर में इस अधिकार से सबको वंचित किया जा रहा है.’
महक मिर्जा प्रभु ने कहा कि वह जब इस प्रदर्शन के बाद घर लौटीं तो देखकर हैरान रह गईं कि उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं. उन्होंने कहा, ‘कई लोग मेरे कश्मीरियों के साथ लिंक को लेकर सवाल पूछ रहे थे.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने कश्मीरी कलाकारों के साथ काम किया है, हममे से कई के कश्मीरी दोस्त भी होंगे, जिन्हें लेकर हम चिंतित होंगे. मैं उन्हें लेकर भी चिंतित हूं.’
इस मामले पर विवाद बढ़ने पर महक ने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि प्लेकार्ड केवल कश्मीर में प्रतिबंध के विरोध में था. इसके अलावा कोई और मंशा नहीं थी. महक ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी करके विवाद पर स्पष्टीकरण दिया.
महक ने कहा,’मैं पेशे से लेखिका हूं, मैं कश्मीर से नहीं हूं बल्कि महाराष्ट्र की ही रहने वाली हूं. इस पोस्टर के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से विवाद हुआ, उससे मैं सकते में हूं. इसके पीछे उनका कोई एजेंडा या मोटिव नहीं था.’
उन्होंने कहा, ‘इस प्लेकार्ड को दिखाने की मेरी मंशा यही थी कि अगर अन्य भारतीयों को बुनियादी अधिकार मिले हैं तो कश्मीरियों को भी मिलने चाहिए.’
महिला ने कहा, ‘यह भयानक है कि इस मामले को किस तरह से खींचा गया. एक कलाकार के रूप में मैं इस प्रदर्शन का हिस्सा बनना चाहती थी.’
महक की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘अगर उनकी वजह से किसी को दुख पहुंचा हो तो मैं माफी मांगती हूं. मैं एक कलाकार हूं जो बुनियादी मानव संवेदनाओं में विश्वास करती हूं. आइए, प्यार से इस नफरत को खत्म कर दें.’
महक ने एक वीडियो बयान भी जारी किया था, जिसमें वह जम्मू कश्मीरी के लोगों के बुनियादी अधिकारों की बहाली की मांग करते पोस्टर पकड़े हुई थीं.
प्रभु ने कहा कि मिर्जा गालिब से प्रेरित होकर उन्होंने अपना मिडिल नाम मिर्जा रखा है.