कोलासिब ज़िले के लोग सरकारी अस्पताल के सर्जन के तबादले और उनकी जगह किसी दूसरे के न आने की वजह से नाराज़ हैं और अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहे हैं.
आइजोल: असम से लगे कोलासिब ज़िले में मिज़ोरम की जीवनरेखा कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 54 की अनिश्चितकालीन नाकेबंदी के कारण बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन यह राज्य देश के बाकी हिस्सों से कटा रहा.
ज़िला अस्पताल से एक सर्जन के तबादले के विरोध और उनकी जगह किसी दूसरे की नियुक्ति न होने की वजह से नाकेबंदी करने वाली कोलासिब ज़िले की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) और कुछ छात्र संगठनों ने नाकेबंदी को जारी रखने का फैसला किया.
बहरहाल, नाकेबंदी से ज़रूरी सामान ले जा रहे ट्रकों के फंसने से राजधानी और बाकी राज्य में आवश्यक चीजों की कमी हो गई है.
इस बीच प्रदेश सरकार ने सभी पेट्रोल पंपों को आदेश जारी कर कहा है कि वह गाड़ियों को दिए जाने वाले तेल की मात्रा तय करें और पेट्रोल को किसी दूसरे पात्र में खरीदने पर प्रतिबंध लगाएं.
आईजोल में पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों में तेल भरवाने के लिए लंबी कतार लगी है क्योंकि लोगों को नाकेबंदी की वजह से तेल की कमी होने की आशंका है.
बीते छह जून को कोलासिब में ग़ैर सरकारी संगठनों के समूह और छात्रसंघों ने अनिश्चितकालीन नाकेबंदी शुरू की थी
संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा था कि उसने कोलासिब ज़िले के लोगों के लिए यह क़दम उठाया है, क्योंकि लोग प्रतिस्थापन नियुक्ति किए बग़ैर ही ज़िला अस्पताल के सर्जन के तबादले का विरोध कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि 850 किलोमीटर लंबा यह राष्ट्रीय राजमार्ग 54 असम और मिज़ोरम को जोड़ता है और यह नाकेबंदी अगर ज़्यादा लंबी चली, तो ज़रूरी चीज़ों की आपूर्ति बाधित हो सकती है.
सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि ज़िला अस्पताल में पहले से ही एक सर्जन है और इन लोगों की यह नाकेबंदी अनावश्यक है.
स्वास्थ्य मंत्री लाल तंजारा ने बताया है कि राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा 26 डॉक्टरों की नियुक्ति के बाद इनकी कमी की समस्या हल हो जाएगी. डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)