मेघालय: पशुवध संबंधी नए नियम के विरोध में पांच हज़ार भाजपाइयों ने पार्टी छोड़ी

पांच हज़ार कार्यकर्ताओं के अलावा, पांच मंडल इकाइयां भी भंग हो गई हैं. इसके पहले दो बड़े नेता इसी मुद्दे पर पार्टी छोड़ चुके हैं.

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पांच हज़ार कार्यकर्ताओं के अलावा, पांच मंडल इकाइयां भी भंग हो गई हैं. इसके पहले दो बड़े नेता इसी मुद्दे पर पार्टी छोड़ चुके हैं.

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(फोटो: पीटीआई)

बूचड़खानों और पशुओं की ख़रीद फ़रोख़्त पर शिकंजा कसने वाली भारतीय जनता पार्टी पूर्वोत्तर में मुश्किल में पड़ती दिख रही है. मेघालय में बुधवार को भाजपा के 5000 कार्यकर्ताओं ने पार्टी पर आदिवासियों और मांसाहार करने वालों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है. इन पांच हज़ार कार्यकर्ताओं के अलावा, पांच मंडल इकाइयां भी भंग हो गई हैं.

पशुवध पर रोक लगाने संबंधी भाजपा की नीतियों का लगातार कई राज्यों में तीखा विरोध हो रहा है. पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में भी भाजपा के लोग इस नये नियम का विरोध कर रहे हैं. इससे पहले पार्टी के दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी.

भाजपा से इस्तीफ़ा देने के बाद बाचू मरक ने कहा था, ‘मैं अपने लोगों की भावनाओं को लेकर समझौता नहीं कर सकता. बीफ़ खाना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है. हमें भाजपा की ग़ैरक़ानूनी विचारधारा स्वीकार नहीं है.’

द नॉर्थईस्ट टुडे की ख़बर के मुताबिक, ‘गारो हिल्स क्षेत्र में भाजपा को यह एक और झटका है. तूरा ज़िले में भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष विल्वर ग्रेहम डांगो समेत भाजपा के 5000 से ज़्यादा कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. डांगो ने अपना इस्तीफ़ा राज्य के युवा मोर्चा अध्यक्ष को सौंपा है.’

ख़बर के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार द्वारा जारी नये नियमों के विरोध में यह इस्तीफ़ा दिया गया है, जिसके तहत गोवध पर प्रतिबंध लगाया गया है. मीडिया को जारी बयान में डांगो ने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासियों और अन्य समुदाय जो गोमांस का सेवन करने हैं, उन्हें प्रताड़ित करने का प्रयास कर रही है. मोदी का ‘सबका साथ सबका विकास’ सही ढंग से काम नहीं कर रहा है. गोरक्षक गाय के लिए लोगों की हत्या कर रहे हैं.’

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक ख़बर के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार के पशुओं की ख़रीद फ़रोख़्त को रोकने संबंधी नये नियम के विरोध में मेघालय भाजपा के 5000 से ज़्यादा कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी है. पार्टी से इस्तीफ़ा देते हुए विल्वर ग्रेहम डांगो ने कहा कि यह भाजपा की अगुआई वाली एनडीए सरकार के विरोध में है जो गोमांस का सेवन करने वाले आदिवासियों और दूसरे समुदायों को प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है.’

ख़बर के मुताबिक, ‘उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों की भावनाओं के साथ खेल नहीं सकते, जो हम पर विश्वास करते हैं कि हम राजनीति में धर्म की मिलावट नहीं करेंगे, जैसा कि भाजपा कर रही है. कोई पार्टी या कोई व्यक्ति जो हमारे लोगों की भावनाओं को आहत करेगा, वह हमारे ख़िलाफ़ होगा. हम अपनी आदिवासी सरज़मीं की रक्षा करेंगे.’

पिछले हफ़्ते भी राज्य के कुछ भाजपा नेताओं ने चेतावनी दी थी कि अगर पार्टी पशुओं की ख़रीद बिक्री पर रोक लगाने वाले नये नियम को वापस नहीं लेगी तो वे पार्टी से इस्तीफ़ा दे देंगे. मेघालय भाजपा के उपाध्यक्ष जॉन एंटोनियस लिंगदोह ने कहा कि ‘ज़्यादातर नेता नये नियम से ख़ुश नहीं है क्योंकि यह सीधा हमारे लोगों पर असर डालेगा.’

इसे भी देखें: मेघालय में अधिकांश भाजपाई गोमांस खाते हैं: भाजपा नेता

पिछले हफ़्ते पशुओं को काटने के लिए बाज़ार में बेचने पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध को लेकर मेघालय के नॉर्थ गारो हिल्स ज़िले के भाजपा अध्यक्ष बाचू मरक ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था. बाचू के इस्तीफ़े के सप्ताह भर पहले वेस्ट गारो हिल्स के भाजपा जिला अध्यक्ष बर्नार्ड एन. मरक ने इसी मुद्दे पर पार्टी छोड़ दी थी.

इन दोनों नेताओं के पार्टी छोड़ देने के बाद भाजपा ने सफाई दी थी कि अगर वह मेघालय में सत्ता में आएगी तो गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी. लेकिन नये नियम वापस नहीं लिए जाने की वजह से नाराज़ पार्टी के नेता एक के बाद एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं.

ग़ौरतलब है कि पूर्वोत्तर समेत देश के कई इलाक़ों में विभिन्न समुदायों के लोग गोमांस का सेवन करते हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें वध के लिए पशुओं की ख़रीद फ़रोख़्त पर प्रतिबंध लगा दिया था. गोमांस समेत पशुओं के मांस का सेवन करने वाले समुदायों के लोग इसे अपनी खानपान की आदतों में सीधा हस्तक्षेप मान रहे हैं.