रामायण के समय था उड़न खटोला, अर्जुन के तीरों में थी परमाणु शक्ति: पश्चिम बंगाल राज्यपाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता में विज्ञान मेले के उद्घाटन के मौके पर कहा कि महाभारत में संजय ने पूरा युद्ध धृतराष्ट्र को सुनाया, लेकिन टीवी देखकर नहीं क्योंकि उनके पास दिव्यदृष्टि जैसी कोई शक्ति थी.

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (फोटोः पीटीआई)

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता में विज्ञान मेले के उद्घाटन के मौके पर कहा कि महाभारत में संजय ने पूरा युद्ध धृतराष्ट्र को सुनाया, लेकिन टीवी देखकर नहीं क्योंकि उनके पास दिव्यदृष्टि जैसी कोई शक्ति थी.

Kolkata: West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar gestures as he speaks to the media persons after his motorcade was stopped by protesters at a gate of Jadavpur University, as he arrived to attend its annual convocation, in Kolkata, Tuesday, Dec. 24, 2019. (PTI Photo)(PTI12_24_2019_000079B)
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (फोटोः पीटीआई)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का कहना है कि रामायण के दिनों में पुष्पक विमान था और अर्जुन के तीरों मे परमाणु शक्ति थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, धनखड़ ने मंगलवार को कोलकाता में विज्ञान मेले के उद्घाटन के दौरान कहा, ‘ विमान का अविष्कार 1910 या 1911 में हुआ था लेकिन अगर हम धर्मग्रंथों पर नजर डालें तो रामायण में हमारे पास उड़न खटोला था, संजय ने महाभारत का पूरा युद्ध धृतराष्ट्र को सुनाया, लेकिन टीवी देखकर नहीं क्योंकि उनके पास दिव्यदृष्टि जैसी कोई शक्ति थी. महाभारत में अर्जुन के बाणों में परमाणु शक्ति थी. यह विश्व अधिक देर तक भारत की अनदेखी नहीं कर सकता.’

उन्होंने कहा कि संस्कृत महाकाव्य महाभारत में युद्धक्षेत्र से दूर रहकर भी संजय ने युद्ध का पूरा वृतांत धृतराष्ट्र को सुनाया था.

बंगाली वैज्ञानिक विकास सिन्हा ने राज्यपाल के इस बयान की आलोचना की है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो रहे हैं. एक वैज्ञानिक के तौर पर मुझे उन जैसे लोगों को देखकर गुस्सा आता है, जो अपने दावों को सही साबित करने के लिए रामायण और महाभारत का उल्लेख करते हैं. इस तरह की बचकाना बातें करना एक राज्यपाल को शोभा नहीं देता. उन्हें दूसरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. कोई भी शांत रहने को कहे.’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिक संदीप चक्रवर्ती ने कहा है कि इस तरह के बयानों से वैश्विक मंच पर भारत की वैज्ञानिक प्रगति की गरिमा को ठेस पहुंचती है.

उन्होंने कहा, ‘प्राचीन लेखकों ने अपनी कल्पना के आधार पर ये सभी चीजें लिखी थीं. यह सच है कि भारत ने प्राचीन काल में बहुत प्रगति की लेकिन इस तरह के बयानों से हमारे वैज्ञानिक समुदाय का विकास बाधित होता है.’

मालूम हो कि धनखड़ का पिछले साल जुलाई में पद्भार संभालने के बाद से ही ममता बनर्जी सरकार के साथ टकराव रहा है.

यह पहला मौका नहीं है कि जब उच्च पदों पर बैठे लोग इस तरह के हास्यास्पद बयान दिए हैं. इससे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देब ने कहा था कि महाभारत के समय में इंटरनेट था.

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा था कि सीता टेस्ट ट्यूब बेबी थीं.

वहीं, हाल ही में पुदुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया था कि नासा ने सूर्य की आवाज रिकॉर्ड की है और सूर्य ओम शब्द का जाप कर रहा है. हालांकि यह वीडियो एडिटेड था.