उत्तर प्रदेशः इलाहाबाद की एक यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून, अनुच्छेद 370 पर कोर्स शुरू

इलाहाबाद की उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), अनुच्छेद 370 और 35ए पर तीन महीने का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है. इस कोर्स का मकसद लोगों को इसके बारे में जागरूक करना है.

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इलाहाबाद की उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), अनुच्छेद 370 और 35ए पर तीन महीने का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है. इस कोर्स का मकसद लोगों को इसके बारे में जागरूक करना है.

Rajarshi Tandon Open University-Facebook
इलाहाबाद की उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी (फोटो साभारः फेसबुक)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), अनुच्छेद 370 और 35ए को लेकर तीन महीने का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पाठ्यक्रम के जरिए नए कानून के संबंध में जागरूकता फैलाने का हवाला दिया जा रहा है. इस पाठ्यक्रम का नाम ‘अवेयरनेस प्रोग्राम इन सिटिजनशिप एक्ट (एपीसीएए)’ रखा गया है. इसे लागू कर दिया गया है.

इस कोर्स में दाखिले के लिए आयु सीमा की कोई बाध्यता नहीं है. इंटर पास कोई भी छात्र इस कोर्स में दाखिला ले सकता है.

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि जनवरी से शुरू हुए इस कोर्स में कई छात्रों ने पहले ही दाखिला ले लिया है. इस कोर्स का मकसद नागरिकता कानून को लेकर जागरूकता फैलाना है.

सिंह ने कहा, ‘नागरिकता कानून एक सार्वजनिक मुद्दा और देश का कानून है. इस कोर्स का मकसद लोगों को इसके बारे में जागरूक करना है. छात्रों को इस कानून की जरूरत, राष्ट्रीय एकता पर इसके प्रभाव और एकीकरण को लेकर जागरूक किया जाएगा. कई छात्रों ने इसमें दाखिला लेना शुरू भी कर दिया है.’

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह का कहना है, ‘हमारे विश्वविद्यालय में समय और समाज की आवश्यकता को देखते हुए जागरूकता फैलाने के मकसद से कोर्स शुरू किए जाते हैं. ऐसे ही कुछ कोर्स होते हैं, जिनकी परीक्षा नहीं होती है. केवल असाइनमेंट के मूल्यांकन के आधार पर प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं. मौजूदा समय में ऐसे दो विषय हैं नागरिकता कानून और अनुच्छेद 370.’

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द कर दिया था. इन दोनों मसलों को लेकर तीन महीने का जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. यह अपने तरह का पहला पाठ्यक्रम होगा.’

उन्होंने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र यानी जनवरी 2020 से पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है. इन दोनों पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश शुरू हो गए हैं. दोनों पाठ्यक्रमों में इंटरमीडिएट यानी 12वीं पास छात्र-छात्राओं को एडमिशन दिया जाएगा. तीन महीने के इस पाठ्यक्रम में छात्र-छात्राओं को असाइनमेंट दिया जाएगा. कोर्स पूरा करने पर यूनिवर्सिटी की तरफ से सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसके लिए मात्र 500 रुपये की फीस निर्धारित है.

उन्होंने बताया कि नागरिकता कानून पाठ्यक्रम को पांच भागों में बांटा गया है, जबकि अनुच्छेद 370 और 35ए पाठ्यक्रम को छह हिस्सों में बांटा गया है.