जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्रसंघ अध्यक्ष ओइशी घोष ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि छात्रों को पुराने फीस स्ट्रक्चर पर ही शीतकालीन सत्र 2020 के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए जाएं.
नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी के मामले में दायर जेएनूयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए नए शैक्षणिक सत्र के लिए छात्रों का रजिस्ट्रेशन पुराने हॉस्टल नियमों के मुताबिक कराने के निर्देश दिए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि जहां तक रजिस्ट्रेशन करने से बचे 10 फीसदी छात्रों की बात है तो उन्हें एक सप्ताह के अंदर पुरानी फीस पर ही अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इन छात्रों से कोई लेट फीस नहीं ली जाएगी.
जस्टिस राजीव शकधर की पीठ ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को नोटिस भी भेजा है.
जेएनयूएसयू ने मंगलवार को हाईकोर्ट का रुख कर हॉस्टल मैनुअल में संशोधन कर इंटर हॉल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) के फैसले को चुनौती दी, जिस पर छात्रसंघ ने कहा था कि इसे अक्टूबर में बिना छात्रसंघ से चर्चा किए गैरकानूनी रूप से पारित किया गया था.
Plea of JNUSU challenging IHA decision amending the hostel manual: Delhi HC grants interim relief to students of JNU. "As far as the remaining 10% students are concerned, they need to register within 1 week as per old manual. No late fee will be charged from them too", HC said. pic.twitter.com/ggdwZ7ABZQ
— ANI (@ANI) January 24, 2020
जेएनयूएसयू की अध्यक्ष ओइशी घोष और अन्य ने यह याचिका दायर कर अदालत से कहा था कि वह जेएनयू प्रशासन को पुराने फीस स्ट्रक्चर पर ही शीतकालीन सत्र 2020 के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दे.
छात्रसंघ ने कहा कि हॉस्टल मैनुअल में बदलाव को इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) ने गलत तरीके से मंजूरी दी है.
जेएनयू छात्रसंघ ने यह याचिका वकील अभिक चिमनी और अमन शुक्ला के जरिये दायर की है, जिसमें हॉस्टल मैनुअल में संशोधन के लिए 13 नवंबर 2019 की कार्यकारी परिषद की बैठक के मिनट्स और 25 नवंबर 2019 को उच्चस्तरीय समिति के फैसले को चुनौती दी गई है.
याचिका में कहा गया कि यह फैसला मनमाना और एकतरफा है और जेएनयू छात्रों पर बुरा असर डाल रहा है.
मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.
नए फीस नियमों के तहत छात्रों को हर महीने 1,700 रुपये सर्विस चार्ज का भुगतान करना पड़ता, हालांकि बाद में वापस ले लिया गया.
सिंगल कमरे का किराया 20 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 600 रुपये प्रति महीना कर दिया गया. वहीं, डबल शेयरिंग कमरे का किराया 10 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति महीना कर दिया गया था.