यूपी में प्रदर्शनकारियों पर ‘अत्याचार’ के खिलाफ कांग्रेस की मानवाधिकार आयोग से जांच की मांग

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के दौरान हुए अत्याचारों के संबंध में एक प्रतिवेदन सौंपा और सबूत के तौर पर कुछ वीडियो साझा किए.

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प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अभिषेक मनु सिंघवी. (फोटो: ट्विटर/@INCIndia)

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के दौरान हुए अत्याचारों के संबंध में एक प्रतिवेदन सौंपा और सबूत के तौर पर कुछ वीडियो साझा किए.

प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अभिषेक मनु सिंघवी. (फोटो: ट्विटर/
प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अभिषेक मनु सिंघवी. (फोटो: ट्विटर/@INCIndia)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर राज्य सरकार द्वारा किए गए कथित ‘अत्याचारों’ के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का रुख किया और निर्णायक कार्रवाई की मांग की.

राहुल एवं प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष 31 पृष्ठों का एक प्रतिवेदन सौंपा तथा सबूत के तौर पर कुछ वीडियो सौंपे.

बैठक के बाद राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के नागरिकों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा अत्याचारों के सबूत मानवाधिकार आयोग को सौंपा. राज्य सरकार ने अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. मानवाधिकार आयोग आइडिया ऑफ इंडिया और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक ढंग से कार्रवाई करनी चाहिए.’

आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने सबूतों पर विचार करने और आगे कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

कांग्रेस की ओर से आयोग को जो प्रतिविदेन सौंपा गया है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करती है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ज्ञापन में पार्टी ने कहा, ‘सार्वजनिक असंतोष की स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर अत्याचार करने के लिए जिन राज्यों में दमनकारी बल का उपयोग निर्दयता से किया गया है उनमें से अधिकांश भाजपा द्वारा शासित हैं. वास्तव में, उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही लोगों के खिलाफ दमनकारी ताकत का इस्तेमाल करने के मामले में अन्य सभी को पछाड़ दिया है.’

उन्होंने एनएचआरसी से कहा कि वह प्रदेश में कानून-व्यवस्था की पूर्ण अवहेलना का संज्ञान ले और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू करे भले ही वे कितने भी उच्च स्तर के हों.

एनएचआरसी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस एचएल दत्तू के साथ बैठक के दौरान प्रियंका ने मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों के साथ अपनी बैठकों का विवरण सुनाया. उन्होंने कहा, ‘जो कुछ हो रहा है वह भारत और देश के संविधान के विचार के खिलाफ है.’

राहुल और प्रियंका के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी, मोहसिना किदवई, सलमान खुर्शीद, जितिन प्रसाद, राजीव शुक्ला और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मौजूद थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)