यूरोपीय यूनियन से 47 साल बाद अलग हुआ ब्रिटेन

ब्रिटेन में 23 जून 2016 को हुए जनमत संग्रह के दौरान जनता ने यूरोपीय यूनियन से अलग होने के समर्थन में मतदान किया था. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे एक नई सुबह क़रार दिया.

ब्रिटेन में 23 जून 2016 को हुए जनमत संग्रह के दौरान जनता ने यूरोपीय यूनियन से अलग होने के समर्थन में मतदान किया था. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे एक नई सुबह क़रार दिया.

Reuters-Toby Melville
(फोटो साभारः रॉयटर्स/टोबी मेलविले)

लंदनः ब्रिटेन 47 साल तक यूरोपीय यूनियन (ईयू) का सदस्य रहने के बाद शुक्रवार रात आधिकारिक रूप से इससे अलग हो गया. ब्रिटेन ईयू से बाहर निकलने वाला पहला देश है. ब्रिटेन के अलग होने के बाद यूरोपीय यूनियन में 28 से घटकर 27 देश हो गए हैं.

ब्रिटेन की जनता ने 23 जून 2016 में जनमत संग्रह के जरिए यूरोपीय यूनियन से अलग होने के समर्थन में मतदान किया था. यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने के समर्थन में 51.9 फीसदी जबकि विरोध में 48.1 फीसदी वोट पड़े थे.

ब्रिटेन 31 जनवरी की रात 11 बजे ईयू से अलग हो गया. अलग होने की इस प्रक्रिया को ब्रेक्ज़िट कहा जाता है. ब्रिटेन साल 1973 में तत्कालीन यूरोपीय इकोनॉमिक कम्यूनिटी में सदस्य देश के रूप में शामिल हुआ था. बाद में इसे यूरोपीय यूनियन नाम दे दिया गया.

बाद के दिनों में ब्रिटेन की कंज़र्वेटिव पार्टी ने एक जनमत संग्रह कराने का निर्णय लिया कि यूरोपीय यूनियन से अलग होना एक संभावना बन गया है. इसे ही ब्रेक्ज़िट के नाम से जाना जाता है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्जिट के कुछ क्षण पहले अपने संबोधन में इस ऐतिहासिक क्षण को एक नई सुबह करार दिया था. जॉनसन ने पिछले साल के अंत में ईयू के 27 अन्य नेताओं के साथ वार्ता के बाद ब्रेक्जिट समझौते को अंतिम रूप दिया था.

जॉनसन ने कहा, ‘यह कोई कानूनी समाधान नहीं है. यह संभवत: वास्तविक राष्ट्रीय पुनर्जागरण और बदलाव है. यह एक नए युग की सुबह है और जिसमें आपके जीवन और आपके परिवार का जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करेगा कि आप देश के किस हिस्से में बड़े हुए हैं.’

ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के बीच बनी सहमति के तहत शनिवार (एक फरवरी से) से लेकर दिसंबर तक की अवधि में बदलाव की प्रक्रिया पूरी होगी और इसके मद्देनजर तत्काल कोई खास बदलाव नहीं देखा जाएगा.

जॉनसन ने कहा कि चाहे वह आव्रजन पर नियंत्रण हो या मुक्त बंदरगाह बनाना हो या फिर हमारे मत्स्य उद्योग को स्वतंत्र करना हो या फिर स्वतंत्र रूप से कारोबारी समझौते करना हो. यह करना लोकतांत्रिक है.

उन्होंने कहा, ‘मैं सभी भावनाओं को समझता हूं और सरकार के रूप में हमारा काम इस देश को साथ लाना और आगे ले जाना है.’

ब्रिटेन की सरकार ‘ग्रेट रेडी टू ट्रेड’ अभियान की शुरुआत 13 देशों में शनिवार (एक फरवरी) से करेगी इसमें भारत भी शामिल है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने की इस ट्रांजिशन अवधि (फरवरी से दिसंबर) की शुरुआत हो गई है और इस प्रक्रिया के पूरा होने तक ब्रिटेन,  यूरोपीय यूनियन के नियमों के अधीन ही रहेगा. इस अवधि के खत्म होने के बाद यूरोपीय यूनियन के कोई भी नियम ब्रिटेन पर लागू नहीं होंगे.

ईयू से अलग होने का मतलब है कि अगर आप ब्रिटिश हैं तो अब आप यूरोपीय यूनियन नागरिक नहीं रह जाएंगे और अगर आप यूरोपीय यूनियन नागरिक हैं तो ब्रिटिश नागरिक नहीं रह जाएंगे.

हालांकि 31 दिसंबर 2020 तक ट्रांजिशन अवधि तक आप पहले की तरह मुक्त रूप से यूरोपीय यूनियन के किसी भी देश में घूम सकते हैं, लेकिन इस अवधि के खत्म होने के बाद ब्रिटिश और यूरोपीय यूनियन के नागरिकों के लिए इमिग्रेशन नियम बदल जाएंगे.

यूरोपीय यूनियन से अलग होने का घटनाक्रम 

23 जनवरी 2013: प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने वादा किया कि अगर उनकी कंज़र्वेटिव पार्टी 2015 के आम चुनाव जीत जाएगी तो यूरोपीय यूनियन की सदस्यता में बने रहने या उससे बाहर निकलने पर जनमत संग्रह कराया जाएगा.

07 मई 2015: कंज़र्वेटिव ने लेबर पार्टी पर जीत हासिल की और हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत हासिल किया.

23 जून 2016: ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन से अलग होने पर ऐतिहासिक जनमत संग्रह किया. 52 प्रतिशत लोगों ने ब्रेक्जिट का समर्थन किया. डेविड कैमरून ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया.

13 जुलाई 2016: टेरीजा मे ने कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पद का चुनाव जीता और प्रधानमंत्री बनीं.

18 अप्रैल 2017: टेरीजा मे ने ब्रिटेन में आठ जून को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की.

08 जून 2017: टेरीजा मे ने हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत गंवाया.

19 मार्च 2018: ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने ब्रिटेन के अलग होने पर एक मसौदा समझौता प्रकाशित किया लेकिन समझौते पर पूर्ण सहमति नहीं बनी.

08 जुलाई 2018: ब्रिटेन के ब्रेक्जिट मंत्री डेविड डेविस ने विरोध में इस्तीफा दिया. विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस्तीफा दिया.

15 जनवरी 2019: सांसदों ने टेरीजा मे की ब्रेक्जिट योजना को ऐतिहासिक मतदान में 202 के मुकाबले 432 मतों से गिराया.

20 मार्च 2019: टेरीजा मे ने यूरोपीय यूनियन से ब्रेक्जिट को 29 मार्च के बजाय 30 जून तक टालने के लिए कहा.

29 मार्च 2019: सांसदों ने टेरीजा मे के ब्रेक्जिट समझौते को उसी दिन खारिज किया जिस दिन उसे यूरोपीय यूनियन से अलग होना था.

07 जून 2019: टेरीजा मे ने आधिकारिक रूप से इस्तीफा दिया.

23 जुलाई 2019: बोरिस जॉनसन कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता चुने गए और ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बने.

03 अक्टूबर 2019: ब्रिटेन सरकार ने ब्रसेल्स (यूरोपीय कमीशन का मुख्यालय) को नई ब्रेक्जिट योजना भेजी.

17 अक्टूबर 2019: ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने ऐलान किया कि उन्होंने नया ब्रेक्जिट समझौता कर लिया है.

28 अक्टूबर 2019: यूरोपीय यूनियन ब्रिटेन को ब्रेक्जिट के लिए 31 जनवरी तक की समय सीमा देने पर राजी हुआ.

29 अक्टूबर 2019: हाउस ऑफ कॉमंस ने 12 दिसंबर को आम चुनाव की मंजूरी दी.

12 दिसंबर 2019: प्रधानमंत्री जॉनसन ने आम चुनाव जीता और कॉमंस में 80 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया.

23 जनवरी 2020: ब्रिटेन का ईयू से अलग होने का विधेयक संसद से पारित होने के बाद कानून बना.

29 जनवरी 2020: यूरोपीय संसद ने ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी दी जिसके तहत ब्रिटेन 31 जनवरी को ईयू से अलग हो जाएगा.

31 जनवरी 2020: ब्रिटेन आधिकारिक रूप से ईयू से अलग हुआ.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)