प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में घोषणा करने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे, जिनमें से एक हमेशा दलित होगा. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या से 22 किलोमीटर दूर रौनाही में ज़मीन देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है.
![*EDS: TV GRAB** New Delhi: Prime Minister Narendra Modi rises to make a statement in the Lok Sabha, during the ongoing Budget Session of Parliament in New Delhi, Wednesday, Feb. 5, 2020. PM Modi announced the formation of a trust for the construction of a Ram Temple in Ayodhya as directed by the Supreme Court in its verdict in the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid case in November last year. (LSTV/PTI Photo) (PTI2 5 2020 000026B)](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2020/02/Narendra-Modi-Loksabha-PTI.jpg)
नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केंद्रीय कैबिनेट ने राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट बनाने की घोषणा की, जिसके बाद सांसदों ने सदन में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए.
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत भूमि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री ने सदन को बताया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया था और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है.
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. भगवान राम के मंदिर के निर्माण और अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की गयी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया.
प्रधानमंत्री ने सदन में यह भी कहा कि भारत की प्राणवायु में, आदर्शों में, मर्यादाओं में भगवान श्रीराम और अयोध्या की ऐतिहासिकता से हम सभी परिचित हैं. अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण वर्तमान और भविष्य में रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए एक और फैसला किया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि कानून के तहत 67.07 एकड़ जमीन ट्रस्ट को हस्तांतरित की जाएगी, जिसमें भीतरी और बाहरी आंगन भी शामिल है. उन्होंने यह भी कहा कि रामलला विराजमान की जमीन भी ट्रस्ट को मिलेगी. यह ट्रस्ट ही भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण पर फैसला लेगा.
मोदी ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.’
#Cabinet has today given approval to proposal for creation of 'Shri Ram Janma Bhoomi Tirtha Kshetra' trust
The Trust will be free to take all decisions regarding creation of a magnificent #RamTemple in #Ayodhya: PM @narendramodi#cabinetdecisions pic.twitter.com/dYoGZT0yKr
— PIB India (@PIB_India) February 5, 2020
मोदी ने सभी दलों से समर्थन की अपील करते हुए कहा, ‘आइए, इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीर्णोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें.’
मालूम हो कि नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जमीन विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज करते हुए हिंदू पक्ष को जमीन देने को कहा.
एक सदी से अधिक पुराने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामजन्मभूमि न्यास को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़ मिलेगा. वहीं, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी.
मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाना होगा और इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा का एक सदस्य शामिल होगा. न्यायालय ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन अब केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे.
उन्होंने कहा कि 9 नवंबर, 2019 को मैं करतारपुर गलियारे के लोकार्पण के लिए करतारपुर में था. गुरुनानक देवजी का 550वां प्रकाश पर्व था और बहुत ही पवित्र वातावरण था. उसी दिव्य वातावरण में मुझे देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा राम जन्मभूमि के विषय पर दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बारे में पता चला था.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘9 नवंबर को राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद सभी देशवासियों ने अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर विश्वास जताते हुए बहुत परिपक्वता का उदाहरण दिया था. मैं आज सदन में देशवासियों के परिपक्व व्यवहार की प्रशंसा करता हूं.’
मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग एक बृहद परिवार के सदस्य हैं. इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वो सुखी, स्वस्थ रहें, समृद्ध रहें, देश का विकास हो, इसी भावना के साथ मेरी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर चल रही है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी संस्कृति, परंपराएं, हमें वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः का दर्शन देती हैं और इसी भावना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं.’
लोकसभा में प्रधानमंत्री द्वारा इस संबंध में घोषणा के बाद भाजपा के कई सदस्यों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाये और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया.
ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे, एक न्यासी दलित समाज से होगा
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ट्रस्ट की घोषणा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे जिनमें से एक दलित समाज से होगा.
गृह मंत्री शाह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिनमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा.’
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा। सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने वाले ऐसे अभूतपूर्व निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को अनेक अनेक बधाई देता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) February 5, 2020
शाह ने बताया कि यह ट्रस्ट मंदिर से संबंधित हर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा और 67 एकड़ भूमि ट्रस्ट को हस्तांतरित की जायेगी.
उन्होंने कहा, ‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि करोड़ों लोगों का सदियों से जारी इंतजार शीघ्र ही समाप्त होगा और वे प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में उनके दर्शन कर पाएंगे.’
शाह ने कहा, ‘श्री राम जन्मभूमि पर उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार आज भारत सरकार ने अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अपनी कटिबद्धता दिखाते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है.’
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या से 22 किमी दूर जमीन दी
मंदिर ट्रस्ट को मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन आवंटित कर दी है.
#UPCabinet श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर मा. सुप्रीमकोर्ट के निर्णय के तहत केंद्र की सहमति पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी। #Ayodhya जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर सोहावल के धन्नीपुर गांव में मिलेगी जमीन। @BJP4UP @BJP4India
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) February 5, 2020
बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक के बाद प्रदेश के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीडिया को बताया कि अयोध्या मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम धन्नीपुर, तहसील सोहावल रौनाही थाने के 200 मीटर के पीछे पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी. यह जमीन लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर अयोध्या से करीब 22 किलोमीटर पहले है.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह जमीन अयोध्या से करीब 22 किमी दूर रौनाही में है. रौनाही मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जो अयोध्या के मुख्य मंदिर क्षेत्र के दायरे में नहीं आता.
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को यह जमीन 5 एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए दी जा रही है. यह बोर्ड के ऊपर है कि वह इस जमीन का क्या करता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)