पुणे के मॉर्डन कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी व्याख्यान होना था. कॉलेज का कहना है कि इस बारे में कई दक्षिणपंथी संगठनों से प्रदर्शनों की चेतावनी देते पत्र मिलने के बाद उन्होंने इसे रद्द कर दिया.
दक्षिणपंथी संगठनों के दबाव की वजह से पुणे के मॉर्डन कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स ने एक राष्ट्रीय सेमिनार के लिए महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी के व्याख्यान को रद्द कर दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तुषार गांधी गांधीवादी विचारधारा को लेकर शुक्रवार को एक राष्ट्रीय सेमिनर को संबोधित करने वाले थे.
Modern College Pune was forced to cancel a program scheduled for tomorrow celebrating the 150th anniversary of Bapu because they invited me, Patitpavan Sanstha threatened to disrupt the program if I was present. The Goli Maro Gang in Action.
— Tushar बेदखल (@TusharG) February 6, 2020
तुषार गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘बापू की 150वीं जयंती मनाने के लिए कल होने वाले एक कार्यक्रम को पुणे के मॉर्डन कॉलेज को रद्द करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि इसमें मुझे आमंत्रित किया गया था. पतितपावन संस्था ने धमकी दी है कि अगर मैं कार्यक्रम में मौजूद रहता हूं तो इस कार्यक्रम को बाधित किया जाएगा. गोली मारो गैंग एक्शन में है.’
The dishonesty of the management of Modern College Pune is exposed. I believe they continued with the program with a convenient speaker but yesterday they told me that the seminar was cancelled. They should rename the seminar ‘Revisiting Gandhi Dishonestly’.
— Tushar बेदखल (@TusharG) February 7, 2020
इस बीच कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उन्हें कई संगठनों से पत्र मिले हैं लेकिन पत्रों में उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की चेतावनी दी गई. हालांकि, कॉलेज में चल रही परीक्षाओं की वजह से कैंपस में 1,000 से भी अधिक छात्र हैं जिन्हें किसी भी तरह की हिंसा होने पर कैंपस से बाहर निकालना एक बड़ी चुनौती होगी इसलिए हमने व्याख्यान को रद्द करने का फैसला किया है.
मॉर्डन कॉलेज का संचालन करने वाली प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी के चेयरमैन गजानन एकबोटे का कहना है, ‘मंगलवार दोपहर कुछ छात्र प्रिंसिपल संजय खरात के पास आए और उन्हें तुषार गांधी की कुछ वीडियो क्लिप दिखाई. छात्रों का कहना था कि उनके (तुषार) भाषण राजनीति से प्रेरित हैं और इससे नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मौजूदा परिदृश्य को लेकर भावनाएं भड़क सकती हैं. इस सेमिनार का आयोजन एसपीपीयू ने किया था और इसके लिए फंड क्यूआईपी ने दिया था. छात्रों का विरोध है कि यूनिवर्सिटी के फंड का इस्तेमाल राजनीति से प्रेरित कार्यक्रमों में नहीं होना चाहिए.’
एकबोटे का कहना है कि उन्होंने तुषार गांधी से बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि कॉलेज शिवाजी नगर में अपने ऑडिटोरियम में एक सप्ताह के भीतर इसी तरह के व्याख्यान का आयोजन करेगा.
सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (क्यूआईपी) के तहत सात और आठ फरवरी को शिवाजी नगर के मॉर्डन कॉलेज ऑफ आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स ‘रिविजिटिंग गांधी’ के नाम से एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया था.
इस दौरान तुषार गांधी को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था, जहां उन्हें व्याख्यान देना था.
इस बीच छह फरवरी की देर शाम को तुषार गांधी के व्याख्यान को रद्द कर दिया गया. दक्षिणपंथी संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सहित छात्र संगठनों के विरोध की वजह से इसे रद्द करने का हवाला दिया गया.
क्यूआईपी के तहत सेमिनार के लिए कॉलेज को 2.5 लाख रुपये की धनराशि मिली थी.
वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उन्होंने इस मामले पर वाइस चांसलर से सलाह ली थी लेकिन वाइस चांसलर ने इन दावों से इनकार करते हुए कहा, ‘ मैं गुरुवार को मुंबई यूनिवर्सिटी में था और मुझसे किसी भी छात्र संगठन ने मुलाकात नहीं की. क्यूआईपी फंड सभी चुनिंदा कॉलेजों को दिया जाता है और ये उन्हीं पर निर्भर करता है कि सेमिनार का विषय क्या हो और स्पीकर कौन-कौन हो.’