मिज़ोरम की राजधानी आइजोल में गृह मंत्री के दौरे के समय स्थानीय लोगों ने बीफ फेस्टिवल का आयोजन किया.
आइजोल: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र लोगों के खान-पान की आदत पर कोई रोक नहीं लगाएगा.
पशु वध के लिए बाज़ारों में मवेशियों की ख़रीद-बिक्री पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध के ख़िलाफ़ स्थानीय लोगों के एक विरोध प्रदर्शन से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि लोगों के खान-पान की पसंद पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने म्यांमार की सीमा से लगे पूर्वोत्तर के चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सोमवार को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में यह सब कहा.
इस बैठक में नगालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए. इन चारों राज्यों से म्यांमार की 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है.
गृहमंत्री के दौरे के वक़्त ही पशु वध के लिए बाज़ारों में मवेशियों की ख़रीद-बिक्री पर केंद्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का विरोध करने के लिए स्थानीय लोगों के एक समूह ने बीफ फेस्टिवल का आयोजन किया.
यह फेस्टिवल राजभवन से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर स्थित वनापा हॉल में आयोजित किया गया. आयोजकों का दावा है कि बारिश के बावजूद इसमें तकरीबन 2000 लोग शामिल हुए थे.
कार्यक्रम का आयोजन एक सोशल मीडिया समूह ज़ोलाइफ ने किया था. इस दौरान आयोजकों ने कहा कि वह केंद्र के उनके अपनी पसंद का भोजन करने के अधिकार को प्रतिबंधित करने की कोशिश का विरोध कर रहे हैं.
समूह के एक सदस्य मफा हौहनर ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे पास हमारा लजीज़ बीफ है, अपनी आस्थाएं हम पर मत थोपें.
इस मौके पर कुछ लोग अपने हाथों में प्लेकार्ड भी लिए हुए थे, जिन पर लिखा था, हमारा मतभेद स्वीकार करें या विरोध की उम्मीद रखें.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार समूह के एक अन्य सदस्य रेमरौता वर्ते ने कहा, फेस्टिवल के लिए 100 किलोग्राम बीफ ख़रीदा गया था.
उन्होंने कहा, ‘बारिश के बावजूद लोगों में बीफ फेस्टिवल को लेकर उत्साह नज़र आया. हम भाजपा और आरएसएस को यह संदेश देना चाहते हैं कि मिज़ो लोग केंद्र की ओर से देश को बीफ फ्री बनाने की कवायद का हिस्सा नहीं बनेंगे. हम चाहते हैं कि इस तरह की किसी भी योजना में हमें शामिल न किया जाए.’
ईसाई बहुल राज्य- नगालैंड, मेघालय और मिज़ोरम में बीफ खान-पान का अभिन्न हिस्सा है. यहां के आदिवासियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे मवेशियों के वध को लेकर केंद्र की ओर से बनाए गए नए अधिनियम को स्वीकार नहीं करेंगे.
म्यांमार के साथ बेहतर संपर्क पर ज़ोर
इधर, बैठक में गृह मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय मिज़ोरम और म्यांमार के बीच मुक्त आवागमन तंत्र को लेकर एक नीति तैयार करेगा.
उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमार सीमा बुनियादी सुविधाओं और अवसंरचना की कमियों का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की जाएगी. साथ ही उपायों को अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक स्तर पर प्राथमिकता दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि सीमा प्रबंधन सचिव की अध्यक्षता में समिति विभिन्न संसाधनों का पता लगाएगी. साथ ही पूर्वोत्तर परिषद, नॉन लेप्सेबल सेंट्रल पूल आॅफ रिसोर्सेज और सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम सहित विभिन्न मंत्राालयों के कार्यक्रमों के साथ उनका समन्वय करेगी.
गृह मंत्री ने म्यांमार के साथ बेहतर संपर्क पर जोर देते हुए यह बात कही. सिंह ने कहा कि समिति अपनी रिपोर्ट साल के अंत तक सौंपेगी.
गृह मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि क्षेत्र में और हमारे पड़ोसियों के साथ बेहतर संपर्क से सीमा पार के लोगों तक सामान की आवाजाही और सेवाओं में तेज़ी आ सकती है. इन राज्यों की सीमा म्यांमार के साथ मिलती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से सहयोग के साथ)