सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ संसद तक मार्च निकाल रहे जामिया के छात्रों को पुलिस ने रोका, कई घायल

नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र संसद तक मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे, जब उन्हें पुलिस द्वारा रोक दिया गया. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उनके निजी अंगों पर लाठी से वार किए गए, जिसमें कई छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं.

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नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र संसद तक मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे, जब उन्हें पुलिस द्वारा रोक दिया गया. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उनके निजी अंगों पर लाठी से वार किए गए, जिसमें कई छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं.

Jamia Students Protest Police Reuters
फोटो: रॉयटर्स

नई दिल्लीः जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों और जामिया नगर के स्थानीय लोगों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को सोमवार सुबह संसद की ओर मार्च करने से रोकने पर पुलिस के साथ उनकी भिड़ंत हो गई.

जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के नेतृत्व में जामिया के छात्रों और पूर्व छात्रों सहित प्रदर्शनकारियों ने रैली निकालने की कोशिश की.

प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ संसद की ओर मार्च निकाल रहे थे.

इस बीच विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई थी. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी.

प्रदर्शनकारियों ने जामिया के गेट नंबर सात से अपना मार्च शुरू किया. इस दौरान पुलिस ने उनसे अपना मार्च खत्म करने की अपील की.

पुलिस ने उन्हें होली फैमिली अस्पताल के पास रोक दिया, जहां प्रदर्शन कर रहे छात्र और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई है, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

इस मार्च में शामिल हुए छात्रों ने दिल्ली पुलिस द्वारा बदसलूकी के आरोप लगाए हैं. इंडिया टुडे की खबर के अनुसार दस से ज्यादा छात्रों को जामिया के हेल्थ सेंटर में भर्ती किया गया है, जिनके निजी अंगों पर चोट लगी हैं.

इंडिया टुडे से बात करते हुए सेंटर के डॉक्टर्स ने बताया कि कुछ छात्रों की चोटें इतनी गंभीर थीं कि उन्हें अल-शिफा अस्पताल भेजना पड़ा. डॉक्टर ने बताया, ’10 से ज्यादा छात्राओं को निजी अंगों पर मारा गया. हमें कुछ हल्की चोटें भी मिली हैं और कुछ को ऐसे मारा गया कि उनकी चोटों की गंभीरता को देखकर उन्हें अलशिफा अस्पताल भेजना पड़ा.’

उन्होंने आगे बताया, ‘कुछ छात्रों को अंदरूनी चोटें भी आयी हैं क्योंकि उनको सीने पर लाठी से मारा गया. इंडिया टुडे टीवी ने ऐसे दो छात्रों से बात की, जिनका कहना है कि पुलिस ने उनके निजी अंगों पर चोट की.

फोटो: रॉयटर्स
फोटो: रॉयटर्स

हेल्थ सेंटर में इलाज करवा रही एक छात्रा का आरोप है कि एक महिला पुलिसकर्मी ने उनका बुर्का हटाया और लाठी से उनके निजी अंगों पर चोट की. उन्होंने बताया, ‘पुलिस ने बूट्स से मेरे प्राइवेट पार्ट्स पर मारा. एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा बुर्का उतारा और मेरे प्राइवेट पार्ट पर लाठी मारी.’

एक अन्य छात्रा ने बताया कि पुलिसवाले कमर के नीचे इसलिए मार रहे थे जिससे कोई इन्हें कैमरा में न ले सके. इस छात्रा ने बताया, ‘वे हमें इतनी जोर से धक्का दे रहे थे कि कई बार हम भगदड़ में फंस गए.’

उन्होंने आगे बताया, ‘ऐसी कई महिलाएं हैं जिनके सेंसिटिव हिस्सों में चोट आयी है. मुझे कोहनी और पेट के निचले हिस्से पर मारा गया. वे हमें कमर से नीचे मार रहे थे, जिससे कि यह कैमरा में न आ सके.’

एक घायल छात्र ने बताया, ‘पुलिस ने पांव से मेरे प्राइवेट पार्ट पर मारा. वे महिलाओं को मार रहे थे और मैं उन्हें बचाने के लिए आया, उन्होंने मुझे डंडे से सीने और पीठ पर और पांव से प्राइवेट पार्ट पर मारा. डॉक्टरों ने मुझे इमरजेंसी में रखा हुआ है.’

जामिया हेल्थ सेंटर में भर्ती एक और छात्र ने बताया कि उन्हें इतनी बुरी तरह पीटा गया कि वे दो बार बेहोश हो गए. उन्होंने बताया, ‘मैं उनसे कह रहा था कि हमें प्रदर्शन करने दें लेकिन वे हमें धक्का दे रहे थे. हम बचकर भाग नहीं सके क्योंकि वे नीचे की ओर से हमारे प्राइवेट पार्ट्स पर मार रहे थे. मैं दो बार बेहोश हो गया.’

इंडिया टुडे ने अल-शिफा अस्पताल के चिकित्सकों से भी बात की, जहां उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के बाद कम से कम 9 लोग अस्पताल में भर्ती किये गए हैं, जिनमें जामिया के आठ छात्र और एक स्थानीय शामिल हैं. उन्होंने बताया, ‘एक छात्र गंभीर रूप से घायल है, जिसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया है.’

इसके बाद वहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. यह प्रदर्शन जेसीसी द्वारा बुलाया गया था, जिसमें जामिया के छात्रों समेत पूर्व छात्र भी शामिल थे. पुलिस का कहना है कि उनके पास संसद तक जाने की अनुमति नहीं थी.

इस दौरान प्रदर्शनकारी ‘कागज नहीं दिखाएंगे’ और ‘जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से’ जैसे नारे लगा रहे थे. प्रदर्शन में कई महिलाएं भी थीं. हाथों में कई लोग तिरंगा थामे हुए थे और ‘हल्ला बोल’ के नारे लगा रहे थे.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनाई. एक प्रदर्शनकारी जेबा अनहद ने कहा, ‘दो महीने से हम प्रदर्शन कर रहे हैं. हमसे बात करने के लिए सरकार की तरफ से कोई नहीं आया, इसलिए हम उनके पास जाना चाहते हैं.’

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उनकी धक्का-मुक्की हो गयी. कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड को पार कर गए. जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रॉक्टर वसीम अहमद खाना ने छात्रों से हट जाने और पुलिस से न भिड़ने की अपील की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)