केंद्र ने चारों दोषियों को फांसी दिए जाने पर रोक के ख़िलाफ़ उसकी याचिका ख़ारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फ़ैसले को चुनौती दी है. वहीं, एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका ख़ारिज करने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की अपील पर मंगलवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों को नोटिस जारी किया.
केंद्र ने इन दोषियों को फांसी पर लटकाने पर रोक लगाने के खिलाफ उसकी याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है.
केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी. इसमें निचली अदालत ने अगले आदेश तक मामले के सभी चारों दोषियों को फांसी देने पर रोक लगा दी थी. 1 फरवरी को मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी दी जानी थी.
जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने प्राधिकारियों को चारों दोषियों की मौत की सजा पर अमल के लिए नई तारीख निर्धारित करने के लिए निचली अदालत जाने की छूट भी प्रदान की.
केन्द्र और दिल्ली सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन दोषियों की मौत की सजा पर अमल ‘खुशी’ के लिए नहीं है और प्राधिकारी तो कानून के आदेश पर ही अमल कर रहे हैं.
दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका खारिज करने के फैसले को न्यायालय में दी चुनौती
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज करने के फैसले को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी.
शर्मा ने अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से याचिका में मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज कर दी थी.
राजधानी के इस सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में निचली अदालत ने चारों दोषियों – मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार की मौत की सजा पर अगले आदेश तक के लिए 31 जनवरी को रोक लगा दी थी. ये चारों दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं.
पवन ने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है जो अंतिम कानूनी विकल्प है. उसके पास राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर करने का विकल्प भी अभी उपलब्ध है.
दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में छह व्यक्त्तियों ने निर्भया से सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी अवस्था में उसे सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2019 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गयी थी.
इस मामले में इन चार दोषियों सहित छह आरोपी थे. इनमें से एक राम सिंह ने जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल के लिए सुधार मे गृह में रखा गया था. यह किशोर 2015 में सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.
निचली अदालत ने इस मामले में चारों दोषियों को सितंबर, 2013 में मौत की सजा सुनायी थी जिसकी पुष्टि उच्च न्यायालय और फिर शीर्ष अदालत ने कर दी थी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)