मामला भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट का है, जहां छात्राओं का आरोप है कि हॉस्टल के माहवारी संबंधी नियम तोड़ने की शिकायत के बाद 60 से ज़्यादा छात्राओं को अपने अंडरगारमेंट्स उतारने के लिए मजबूर किया गया.
गुजरात के कच्छ जिले के भुज के एक कॉलेज में 60 से ज्यादा छात्राओं को पीरियड्स के सबूत के तौर पर कथित रूप से अंडर गारमेंट उतारने के लिए मजबूर किया गया. यह घटना 11 फरवरी को श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट (एसएसजीआई) में हुई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
एनडीटीवी के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना सामने आने और इस पर हंगामे होने के बाद पुलिस की एक टीम जांच के लिए शैक्षणिक संस्थान पहुंची. अधिकारी ने बताया कि यह घटना श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट (एसएसजीआई) में कथित तौर पर 11 फरवरी को हुई.
कच्छ पश्चिम के पुलिस अधीक्षक सौरभ तोलुम्बिया ने कहा, ‘हमने एक महिला निरीक्षक के नेतृत्व में एक पुलिस टीम छात्राओं से बात करने के लिए भेजी है ताकि प्राथमिकी दर्ज की जा सके. हालांकि लड़कियां आगे आने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन हमें विश्वास है कि एक लड़की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जरूर आगे आएगी.’
एक छात्रा ने बताया कि यह घटना एसएसजीआई परिसर के एक छात्रावास में हुई. इस परिसर में स्नातक और पूर्व स्नातक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है.
गुजरात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीला अनकोलिया ने बताया कि इस कथित मामले को संज्ञान में लिया गया है और भुज पुलिस से इस पर रिपोर्ट मांगी है.
इसके अलावा क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति दर्शना ढोलकिया ने इस संबंध में जांच के लिए समिति गठित की है. एसएसजीआई इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध है.
टाइम्स नाउ के मुताबिक छात्राओं का प्रिंसिपल पर आरोप है कि उसने पीरियड्स से गुजर रही छात्राओं के साथ कॉलेज परिसर में लोगों से छुआछूत रखने को कहा था. ऐसी छात्राएं दूसरे छात्रों से बातचीत नहीं कर सकती हैं न ही उन्हें छू सकती हैं.
हॉस्टल के नियमानुसार पीरियड्स के दौरान लड़कियां अपने कमरे में नहीं रह सकतीं और उन्हें बेसमेंट में बने अलग कमरे में रहना होता है, साथ ही खाना आदि भी बाकी लड़कियों के साथ नहीं खा सकतीं.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों को अपने पीरियड्स की तारीखों के एंट्री एक रजिस्टर में करनी होती है और बीते कुछ दिनों से लड़कियों ने इस रजिस्टर में एंट्री नहीं की थी. जिसके बाद हॉस्टल प्रशासन ने शिकायत की कि लड़कियां पीरियड्स के दौरान रसोई, मंदिर, मेस आदि में जा रही हैं और बाकी लड़कियों से घुल-मिल रही हैं.
इस बात को जांचने के लिए लड़कियों से सवाल-जवाब हुए और जिन्होंने पीरियड्स होने की बात स्वीकार नहीं कि उनसे जबरन अंडरगारमेंट्स उतारकर साबित करने को कहा गया कि वे पीरियड्स से नहीं गुजर रही हैं.
छात्रों का कहना है कि प्रिंसिपल के अलावा कॉलेज के अन्य स्टाफ ने मिलकर करीब दर्जनों छात्राओं के साथ अपमानजनक व्यवहार किया.
जब लड़कियों ने विरोध किया तो हॉस्टल की वॉर्डन ने उनसे कहा कि वह चाहे तो उनके खिलाफ कोर्ट जा सकती है लेकिन शर्त ये है कि उन्हें स्कूल हॉस्टल छोड़ना होगा और डिक्लरेशन फॉर्म पर साइन करना होगा जिसमें लिखा है कि ‘उनके साथ कुछ गलत नहीं हुआ है.’
कुछ कॉलेज स्टाफ ने छात्राओं के परिजनों को पुलिस में न जाने के लिए धमकी भी दी है.
कुलपति दर्शना ढोलकिया ने शुक्रवार को मीडिया को बताया, ‘छात्रावास का एक नियम है कि पीरियड्स वाली लड़कियां अन्य लड़कियों के साथ खाना नहीं खाएंगी. हालांकि, कुछ लड़कियों ने इस नियम को तोड़ा.’
उन्होंने कहा, ‘जब यह मामला प्रशासन के पास पहुंचा तो कुछ लड़कियों ने खुद ही एक महिला कर्मचारी को पीरियड्स जांच की अनुमति दी.’
ढोलकिया ने कहा, ‘लड़कियों ने मुझे बताया कि उन्होंने कॉलेज का नियम तोड़ने के लिए प्रशासन से माफी मांगी. उन्हें धमकी नहीं दी गई और यह उनकी खुद की गलती है.’ उन्होंने कहा, ‘दरअसल इस मामले में अब कुछ किए जाने की गुंजाइश नहीं बची है.’
Darshana Dholakia,Dean,Shree Sahajanand Girls Institute,Bhuj:Matter is related to hostel,it has nothing to do with University/College.Everything happened with girls' permission,nobody was forced for it.Nobody touched them.Still, inquiry team formed to look into the matter.(13.02) https://t.co/iRMqKKsWkD pic.twitter.com/6vtG99OwN1
— ANI (@ANI) February 14, 2020
हालांकि छात्रावास में रहने वाली एक लड़की का कहना है कि उन्हें छात्रावास प्रशासन ने कॉलेज की प्रधानाचार्या रीता रनींगा के कहने पर परेशान किया. छात्रा ने इस घटना में शामिल कर्मचारियों और प्रधानाचार्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
इस मामले का राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है और इसकी जांच के लिए समिति गठन करने की बात कही है. वहीं गुजरात महिला आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है.
दैनिक भास्कर के अनुसार इस मामले में कॉलेज की प्रिंसिपल और वार्डन समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.