यह घटना रविवार को बनासकांठा जिले के शरीफ्दा गांव की है. पुलिस सुरक्षा के बीच दलित युवक को घोड़ी चढ़ने से रोकने के लिए कथित तौर पर ऊंची जाति के कुछ लोगों ने बारात पर पथराव किया, जिसमें महिलाओं सहित तीन लोग घायल हो गए.
अहमदाबादः गुजरात के बनासकांठा जिले में रविवार को पुलिस सुरक्षा के बावजूद सेना के एक दलित जवान की शादी समारोह के दौरान बारात पर कुछ लोगों ने पथराव किया. कथित तौर पर दूसरे समुदाय के ये लोग दलित युवक को घोड़ी चढ़ने से रोकना चाहते थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि यह घटना बनासकांठा के शरीफ्दा गांव में सुबह लगभग 11 बजे हुई.
सेना की मिलिट्री विंग के जवान आकाश कुमार कोटिया (22) की शादी थी. दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आकाश की हाल ही में बेंगलुरू में ट्रेनिंग खत्म हुई है. उसकी मेरठ में पोस्टिंग होनी थी. उसकी शादी थी इसलिए वह कुछ दिनों की छुट्टी पर था.
आकाश के बड़े भाई विनय कोटिया ने कहा, ‘पहले हमें ठाकोर कोली समुदाय के कुछ लोगों से धमकियां मिली कि अगर दूल्हा (आकाश) घोड़ी चढ़ा तो वे गांव से बारात से गुजरने नहीं देंगे. हमने पुलिस सुरक्षा की मांग की तो पुलिस ने बारात में सुरक्षा के लिए छह से सात पुलिसकर्मियों को भेजा लेकिन जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ, कुछ लोग बारात पर पत्थर फेंकने लगे. दूल्हा बाल-बाल बचा और उसे पुलिस कंट्रोल रूम वैन में ले जाया गया. हालांकि इस घटना में दो महिलाओं सहित हमारे तीन संबंधी घायल हुए हैं.’
विजय भी सेना में जवान हैं और फिलहाल जम्मू और कश्मीर में भर्ती है. इस घटना के बाद पुलिस की कई टीमें गांव पहुंची.
बनासकांठा के एक दलित अधिकार कार्यकर्ता दलपत भाटिया ने कहा, ’50 से 60 पुलिसकर्मी बारात की सुरक्षा में लगे थे ताकि दूल्हा और अन्य बाराती दुल्हन के गांव पहुंच सके. इस तरह यह शादी हो पाई.’
दूल्हे के परिवार की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ठाकोर कोली समुदाय के 11 लोगों के खिलाफ बनासकांठा के पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
आरोपी की पहचान सेनजी कोली, शिवाजी कोली, दीपक कोली, तुषार कोली, भावन कोली, विनोद कोली, रामजी कोली, दीपक ईश्वर कोली, बाई कोली, मंजू कोली और जीतू कोली के रूप में की गई है.
गाध पुलिस थाने के प्रभारी पीजी राजपूत ने कहा, ‘गांव में एक समूह के कुछ लोगों ने दूल्हे और उसकी बारात पर पथराव किया क्योंकि वह दूल्हे को घोड़ी चढ़ने नहीं देना चाहते थे. हमने उन्हें पहले ही सुरक्षा दे दी थी लेकिन घटना के बाद उनकी सुरक्षा में और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. हमने आईपीसी की धारा 323, 294, 506, 148 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.’
पुलिस का कहना है कि अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.