इससे पहले 17 जनवरी को ट्रायल कोर्ट ने दोषियों के लिए डेथ वॉरंट जारी करते हुए एक फरवरी को फांसी मुकर्रर की थी, लेकिन 31 जनवरी को ट्रायल कोर्ट ने ख़ुद ही इस पर रोक लगाते हुए कहा था कि अब तक सभी दोषियों ने अपने क़ानूनी उपायों का इस्तेमाल नहीं किया है.
नई दिल्लीः दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में चारों दोषियों के खिलाफ तीसरा डेथ वारंट जारी किया है. अब सभी चारों दोषियों को तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी दी जाएगी.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन जज ने चारों दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय सिंह के लिए सोमवार को नया डेथ वारंट जारी किया.
2012 Delhi gang-rape case: Delhi court has issued a fresh date for execution of death warrant against all the four convicts. Convicts to be executed on March 3 at 6 am. https://t.co/lUI3flqwzU
— ANI (@ANI) February 17, 2020
मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि तीन दोषियों अक्षय, विनय और मुकेश की दया याचिका खारिज हो चुकी है लेकिन एक दोषी पवन की इस मामले में दया याचिका और क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल होनी बाकी है.
सरकारी वकील ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से दी गई एक सप्ताह की मियाद भी 11 फरवरी को समाप्त हो चुकी है. उन्होंने दलील दी कि फिलहाल किसी भी दोषी की कोई भी याचिका किसी भी कोर्ट में लंबित नहीं है, इसलिए नया डेथ वारंट जारी किया जा सकता है.
वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि अभी कानूनी विकल्प बाकी हैं और इनका इस्तेमाल नहीं किए जाने को इंसाफ देने में नाकामी कहा जाएगा. उन्होंने बताया कि दोषी पवन सुधारात्मक (क्यूरेटिव) याचिका और दया याचिका लगाना चाहता है.
इससे पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह ने अदालत से कहा कि वह नहीं चाहता है कि अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर उसकी पैरवी करें. इससे पहले अदालत ने वकील रवि काजी को उसका पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया था.
अदालत को यह भी सूचित किया गया कि इस मामले का अन्य दोषी विनय शर्मा तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है. विनय के वकील ने अदालत से कहा कि जेल में उस पर हमला किया गया और उसके सिर में चोट आयी है.
वहीं, इससे पहले पांच फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए दोषियों को उनके कानूनी उपायों का एक सप्ताह के भीतर इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था.
मालूम हो कि दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में छह व्यक्त्तियों ने निर्भया से सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी अवस्था में उसे सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2019 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गयी थी.
इस मामले में इन चार दोषियों सहित छह आरोपी थे. इनमें से एक राम सिंह ने जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल के लिए सुधार मे गृह में रखा गया था. यह किशोर 2015 में सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)