किसान आंदोलन के दौरान मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुई पुलिस फायरिंग में ज़िले के टकरावत गांव में रहने वाले बबलू पाटीदार की मौत हो गई थी. उनके परिवारवालों से बातचीत.
बबलू पाटीदार की पत्नी अनीता कहती हैं…
मैं ये कहना चाहती हूं कि मेरा पति आंदोलन में गया था क्योंकि न तो उनको लहसुन के पैसे मिले थे, न धनिये के मिले थे. इस मां (सास) का आॅपरेशन हुआ था. गांव में से पैसे लेकर इस आॅपरेशन को करवाया था.
उनका यही कहना था कि सरकार क्यों नहीं सुन रही है? हमारे अनाज के पैसे क्यों नहीं बढ़ रहे हैं? परेशान थे पैसों की वजह से, इसलिए आंदोलन में गए थे… तो पुलिसवालों ने फायरिंग करके उनको मार डाला… क्या होगा अब हमारा?
कोई नहीं है हमारे तो आगे-पीछे इस परिवार में. केवल ये मां (सास) और मैं. हमारे को तो गोली लाकर देने वाला कोई नहीं. हम बीमार पड़ जाएं तो पानी पिलाने वाला भी कोई नहीं इस परिवार में.
सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है. क्या वो मेरा पति लाकर मेरे को देगी अब? सरकार ये बोल रही है कि हमें एक करोड़ रुपये देगी. मेरा कहना है कि मैं 10 करोड़ रुपये दे दूं… मेरा पति लाकर दे रही है क्या सरकार?