आईआईएमसी के छात्रों ने कहा कि प्रशासन द्वारा उनकी मांगे माने जाने के बाद उन्होंने शुल्क वृद्धि के खिलाफ अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है. प्रशासन ने दूसरे सेमेस्टर की फीस जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 तक या नई शुल्क संरचना जारी होने तक बढ़ा दी है.
नई दिल्ली: भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के छात्रों ने शुक्रवार को कहा कि प्रशासन द्वारा उनकी मांगे माने जाने के बाद उन्होंने शुल्क वृद्धि के खिलाफ अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है.
छात्रों ने एक बयान में कहा कि दूसरे सेमेस्टर की फीस जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 तक या नई शुल्क संरचना जारी होने तक बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि प्रशासन शुल्क संरचना निर्धारित करने वाली समिति का विवरण साझा करने के लिए सहमत हो गया है और इसमें छात्रों की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी.
उन्होंने कहा कि किफायती शिक्षा पर बातचीत करने के लिए निलंबित किए गए नौ छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया गया है. ये छात्र अपनी मांगो को लेकर मंगलवार से भूख हड़ताल पर थे.
छात्रों की मांग थी कि 10 फरवरी को जारी किया गया फीस का नया ढांचा रद्द किया जाए, 11 छात्रों का निलंबन वापस लिया जाए और पुरानी कमिटी की रिपोर्ट जारी की जाए.
शुक्रवार को संस्थान की सहायक कुलसचिव अनिमा एक्का ने नोटिस जारी कर कहा कि ट्यूशन फीस की आखिरी किस्त जमा करने की अंतिम तारीख 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है.
इसके साथ ही आईआईएमसी ने फीस के पहलुओं पर विचार करने के लिए एक कमिटी बनाई है. इसकी सिफारिशों पर संस्थान की कार्यकारिणी कमिटी जो भी फैसला लेगी, उसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. फीस देने के लिए छात्र इसका इंतजार कर सकते हैं.
गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हॉस्टल फीस वृद्धि को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन पिछले साल दिसंबर में आईआईएमसी तक पहुंच गया था. हालांकि प्रशासन द्वारा उनकी मांगों पर सहमति जताने के बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली थी.
पिछले साल दिसंबर में प्रशासन ने एक समिति बनाने की घोषणा की थी जो शुल्क के मुद्दे पर दो मार्च तक अपनी सिफारिशें देने वाली थी, हालांकि उन्होंने 10 फरवरी को शुल्क जमा करने के लिए नया सर्कुलर जारी कर दिया था.
यह नया सर्कुलर उसी दिन जारी किया गया जिस दिन बीते 9 फरवरी को कैंपस में सस्ती शिक्षा पर चर्चा आयोजित करने वाले 11 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निलंबित कर दिया गया था. प्रशासन के इस रवैये से नाराज छात्र 18 फरवरी को भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.
बता दें कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले आईआईएमसी में रेडियो और टीवी पत्रकारिता की फीस 1,68,000 रुपये, विज्ञापन एवं जनसंपर्क की फीस 1,30,000 रुपये और हिंदी एवं अंग्रेजी पत्रकारिता की फीस 95,500 रुपये है. साल 2008 से इसमें हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है. पिछले तीन सालों में कई कोर्स की फीस दोगुनी से भी अधिक बढ़ गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)