अनियमितताओं के आरोप में मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति बर्ख़ास्त

साल 2018 में मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्याप्रसाद पांडेय पर वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों को लेकर छात्रसंघ समेत शिक्षक और स्टाफ ने 85 दिनों तक धरना दिया था, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

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मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्या प्रसाद पांडे (फोटो साभार: मणिपुर यूनिवर्सिटी/यूट्यूब)

साल 2018 में मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्याप्रसाद पांडेय पर वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों को लेकर छात्रसंघ समेत शिक्षक और स्टाफ ने 85 दिनों तक धरना दिया था, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्या प्रसाद पांडे (फोटो साभार: मणिपुर यूनिवर्सिटी/यूट्यूब)
मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्या प्रसाद पांडे (फोटो साभार: मणिपुर यूनिवर्सिटी/यूट्यूब)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्या प्रसाद पांडेय को वित्तीय और प्रशासनिक अनियमिताओं की शिकायतों के मद्देनजर बर्खास्त कर दिया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के एक आदेश में यह जानकारी दी गई.

मंत्रालय ने एक जांच के बाद शुक्रवार को पांडेय को बर्खास्त कर दिया. आदेश में कहा गया कि जांच रिपोर्ट में वह (पांडेय) वित्तीय और प्रशासनिक अनियमित्ताओं के साथ ही कदाचार, कर्तव्यों का निष्कासन, सत्ता का दुरुपयोग और प्रतिबद्धता के अभाव में लिप्त पाए गए. इसमें कहा गया कि ऐसे आचरण के चलते शैक्षणिक वातावरण और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है.

गौरतलब है कि पांडे पर वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों को लेकर विभिन्न आरोप लगाते  मणिपुर यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (एमयूएसयू), मणिपुर विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (एमयूटीए) और मणिपुर विश्वविद्यालय स्टाफ एसोसिएशन (एमयूएसए) ने मई 2018 से अगस्त 2018 तक 85 दिनों तक आंदोलन किया था.

इस बीच वे भूख हड़ताल पर बैठे, राज्य भर में बंद भी किया गया, साथ ही विश्वविद्यालय के सभी डीन और 28 विभागों के प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया था.

इस दौरान विश्वविद्यालय परिसर में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद कई दिनों तक संस्थान के बंद रहने के बाद पांडेय को निलंबित किया गया था और उन पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था.

इस जांच समिति ने लगभग साल भर के बाद सितंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट एमएचआरडी को सौंपी थी, जिस पर कार्रवाई के बारे में राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और 21 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया था.

मंत्रालय के हालिया आदेश के मुताबिक, राष्ट्रपति ने तथ्यों और उपलब्ध सामग्रियों तथा आद्या प्रसाद पांडेय द्वारा दिए गए जवाब पर विचार के बाद अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए पांडेय को उनके पद से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है.

इस मुद्दे पर पांडेय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)