स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर डीजीसीए को प्रतिबंध हटाने के लिए एयरलाइंस को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है.
नई दिल्लीः अपने एक विमान में पत्रकार अर्णब गोस्वामी को कथित रूप से परेशान करने के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर जांच किए बिना इंडिगो द्वारा अनिश्चितकालीन यात्रा प्रतिबंध लगाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि विमानन नियामक डीजीसीए को इंडिगो के अलावा अन्य एयरलाइंस की कार्रवाई को प्रमाणित नहीं करना चाहिए था.
कामरा ने अपनी याचिका में कहा कि इंडिगो ने आंतरिक समिति के किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले ही उन पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया जबकि अन्य एयरलाइंस-एअर इंडिया, स्पाइसजेट और गोएयर ने भी उन पर इस तरह का प्रतिबंध लगा दिया.
कॉमेडियन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं विवेक तन्खा, गोपाल शंकरनारायण और मोहित माथुर ने हाईकोर्ट का रुख कर डीजीसीए को प्रतिबंध हटाने के लिए एयरलाइंस को निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया है.
उन्होंने नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) के कथित उल्लंघन में कार्रवाई करने के लिए एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है.
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने डीजीसीए को यह बताने के लिए कहा कि वह अन्य एयरलाइंस द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में क्या कदम उठाने का इरादा रखता है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी तय की.
बता दें कि इससे पहले कुणाल कामरा ने इंडिगो एयरलाइंस को कानूनी नोटिस भेजा था.
कामरा ने एयरलाइन को नोटिस भेजकर उन पर लगे छह महीने के यात्रा प्रतिबंध को हटाने, बिना शर्त माफी मांगने और 25 लाख रुपये के हर्जाने की मांग की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)