विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर बताया कि ईरान में फंसे 234 भारतीय भारत पहुंच गए हैं जिनमें 131 छात्र और 103 श्रद्धालु हैं. इसके साथ भारत में अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास ने कोरोना वायरस के मद्देनजर 16 मार्च से वीजा संबंधी प्रक्रियाओं को रद्द कर दिया है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से प्रभावित ईरान में फंसे 234 भारतीय स्वदेश पहुंच गए हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इन भारतीयों में 131 छात्र और 103 श्रद्धालु हैं.
234 Indians stranded in #Iran have arrived in India; including 131 students and 103 pilgrims.
Thank you Ambassador @dhamugaddam and @India_in_Iran team for your efforts. Thank Iranian authorities.— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 14, 2020
जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘ईरान में फंसे 234 भारतीय भारत पहुंच गए हैं जिनमें 131 छात्र और 103 श्रद्धालु हैं. राजदूत धामू गद्दाम और ईरान में भारतीय टीम के प्रयासों के लिए उनका शुक्रिया. ईरानी अधिकारियों का शुक्रिया.’
ईरान से भारतीयों का तीसरा जत्था रविवार तड़के पहुंचा था. इससे पहले 44 भारतीय श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था शुक्रवार को ईरान से यहां पहुंचा था.
वहीं, ईरान से 58 भारतीय श्रद्धालुओं का पहला जत्था मंगलवार को लौटा था.
ईरान कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है और सरकार वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने की योजनाओं पर काम कर रही है.
बता दें कि ईरान में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं समेत विभिन्न लोग सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर भारत सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार लगा चुके हैं.
वहीं, महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित एक शख्स की इलाज के दौरान मौत हो गई. वह सऊदी अरब से लौटे थे.
अस्पताल के एक अधिकारी का कहना है कि 71 साल के इस शख्स को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की भी समस्या थी. उनके सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा गया है. अगर यह कोरोना वायरस का मामला साबित हुआ तो देश में इस वायरस से मरने वालों की संख्या तीन हो जाएगी.
देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले केरल में हैं जहां पर इससे संक्रमित लोगों की संख्या 22 हो चुकी है जबकि महाराष्ट्र में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 19, उत्तर प्रदेश में 11, कर्नाटक में छह, दिल्ली में सात, लद्दाख में तीन, राजस्थान और जम्मू कश्मीर में दो-दो है.
इसके अलावा तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश में एक-एक मामले दर्ज हुए हैं.
The total number of positive cases of #Coronavirus in the country rises to 93. pic.twitter.com/jFB6Lymc6H
— ANI (@ANI) March 15, 2020
दूसरी ओर कोरोना वायरस से संक्रमित 68 वर्षीय एक महिला की दिल्ली में मौत होने के बाद उसकी अंत्येष्टि को लेकर हुए विवाद के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस का शिकार होने वाले लोगों के शवों की अंत्येष्टि के लिए दिशानिर्देश तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शव की अंत्येष्टि से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका नहीं है, लेकिन ऐसे में दिशानिर्देश इस गलत धारणा को खत्म करने के लिए और किसी मृतक से रोग के नहीं फैलने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शवों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए एक बार इस्तेमाल किये जाने वाले पूरी बांह के गाउन का उपयोग करने की सलाह दी है.
इस वायरस से दुनियाभर में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,50,000 से भी अधिक हो गई है जबकि मृतकों की संख्या 5000 से अधिक है. इटली को इस संक्रमण का केंद्र घोषित किया गया है, जहां अकेले ही 1,400 से अधिक मौतें हुई हैं.
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए गए हैं. वहीं, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की पत्नी के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
भारत में अमेरिकी दूतावास ने 16 मार्च से वीजा संबंधी प्रक्रियाएं रद्द की
भारत में अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास ने कोरोना वायरस के मद्देनजर 16 मार्च से वीजा संबंधी प्रक्रियाओं को रद्द कर दिया है.
अमेरिकी दूतावास द्वारा यहां जारी एक बयान के अनुसार, ‘भारत में अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास कोविड-19 महामारी को देखते हुए 16 मार्च 2020 और प्रवासी एवं गैर प्रवासी वीजा प्रक्रियाओं को रद्द कर रहा है.’
उसने कहा, ‘आपकी वीजा प्रक्रिया को रद्द किया जाता है. जब मिशन इंडिया दूतावास संबंधी नियमित कामकाज शुरू करेगा तो प्रक्रिया शुरू की जाएगी और आपको फिर से समय दिया जाएगा.’
दुनियाभर में कोरोना वायरस से 5000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. यह अमेरिका के 50 में से 46 राज्यों में फैल चुका है और वहां करीब 2,000 मामले सामने आए हैं.
इटली में फंसे 21 यात्रियों को केरल लाया गया
कोरोना वायरस से प्रभावित इटली में फंसे हुए 21 यात्रियों को शनिवार को यहां लाया गया जिसके बाद उन्हें जांच के लिए अलुवा अस्पताल ले जाया गया. हवाईअड्डा सूत्रों ने यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि कई भारतीय यात्री टिकटें होने के बावजूद यूरोपीय देश में फंसे हुए हैं.
डीजीसीए ने एक परिपत्र जारी कर शर्त लगाई थी कि इटली या दक्षिण कोरिया से आने वाले और भारत में प्रवेश करने के इच्छुक यात्रियों को इन देशों से कोविड-19 के लिए जांच में संक्रमित न पाए जाने का प्रमाण पत्र लेना होगा. इसके बाद इटली के अधिकारियों और अमीरात की एयरलाइनों ने उन्हें लाने से इनकार कर दिया था.
इटली में एक हवाईअड्डे पर फंसी एक महिला को केरल की टिकट बुक कराने के बाद एक वीडियो में कहते हुए सुना गया, ‘हम कहां जाए?’ यह वीडियो वायरल हो गई.
उसके जैसे कई यात्रियों को अपने गृह राज्य केरल लाने के लिए अनुरोध करते हुए सुना गया.
एक अन्य महिला यात्री ने वीडियो में कहा, ‘हम इटली में काम करने के लिए केरल से आए. हम प्रवासी हैं…हमने अपनी नौकरियों और घरों को छोड़ दिया…आप बताए हमें क्या करना चाहिए? अपने राज्य के अलावा हम कहां जाएंगे?’
इटली में हवाईअड्डों पर फंसे 300 भारतीयों में बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं.
एक अन्य यात्री ने कहा कि अमीरात एयरलाइन और इटली प्रशासन उन्हें भारत ले जाने के लिए तैयार थे लेकिन भारत सरकार ने प्रमाण पत्र पर जोर दिया.
इस बीच, कोचिन इंटरनेशन एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल) ने टर्मिनलों पर आगुंतकों के प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है.
सीआईएएल ने सभी यात्रियों से अपने साथ हवाईअड्डा आने वाले लोगों की संख्या कम करने का भी अनुरोध किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)