केंद्र सरकार ने देश के हर स्कूल में लड़के और लड़कियों के लिए अलग शौचालयों के निर्माण के लिए स्वच्छ विद्यालय योजना शुरू की थी. लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार बीते सालों में दिल्ली, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में अभियान के तहत एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया.
हैदराबादः आंध्र प्रदेश के 6,790 स्कूलों में शौचालय हैं लेकिन वे काम नहीं कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को संसद में इसकी जानकारी दी गई.
आंध्र प्रदेश के जिन 6,790 स्कूलों में शौचालय काम नहीं कर रहे हैं, उनमें सबसे अधिक संख्या सरकारी स्कूलों की हैं. इन 6,790 शौचालयों में से 4,746 सरकारी स्कूलों के हैं.
आंध्र प्रदेश में बीते तीन साल में 1,242 शौचालयों का निर्माण हुआ है और केंद्र सरकार की स्वच्छ विद्यालय योजना शुरू होने के बाद से आंध्र प्रदेश में 49,293 शौचालयों का निर्माण हुआ है, जो देश की दूसरी बड़ी संख्या है.
लोकसभा में पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में 2016-2017 में 201 स्कूलों का निर्माण किया गया है. इसके अलावा 2017-2018 में 784 और 2018-2019 में 257 स्कूलों का निर्माण किया गया.
सरकार ने बीते सालों में 2.61 लाख सरकारी स्कूलों में 4.17 लाख शौचालयों का निर्माण कराया है. इनमें से अधिकतर शौचालय बिहार में हैं. बिहार में 5912, आंध्र प्रदेश में 49,293, ओडिशआ 43,501 और पश्चिम बंगाल में 42,054 है.
सरकार के स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत बीते सालों में दिल्ली, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया.
पुडुच्चेरी में सिर्फ दो शौचालयों का निर्माण कराया गया. दमन और दीव में 16 और अंडमान और निकोबार में 71 शौचालयों का निर्माण किया गया है.
बता दें कि जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले को 1,500 स्कूलों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालयों का निर्माण कराने के लिए 2016 में स्वच्छ विद्यालय अवॉर्ड से नवाजा गया था.
केंद्र सरकार ने देश के हर स्कूल में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालयों के निर्माण के लिए 2014 में स्वच्छ विद्यालय योजना शुरू की थी.