जिन 12 किसानों ने आत्यहत्या की है, उनमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर के सबसे ज़्यादा चार किसान हैं.
भोपाल: मध्य प्रदेश में क़र्ज़ से परेशान एक और किसान ने कथित रूप से कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली है, जिसके बाद मध्य प्रदेश में पिछले 10 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है.
इस किसान ने बीते शुक्रवार को धार ज़िले में आत्महत्या की.
ज़िले के बाग थाने के ग्राम रामपुरा निवासी जगदीश मोरी (40) ने क़र्ज़ से परेशान होकर कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली.
मृतक के परिजन का आरोप है कि क़र्ज़ से परेशान होकर मोरी ने आत्महत्या की है.
उन्होंने बताया कि मृतक जगदीश के पिता के नाम से ज़मीन है और उस पर बैंक का क़र्ज़ था. क़र्ज़ नहीं चुका पाने से परेशान होकर उन्होंने दोपहर में कीटनाशक पी लिया, जिससे उसकी मौत हो गई.
हालांकि, पुलिस इस मामले को पारिवारिक विवाद बता रही है.
धार के पुलिस अधीक्षक बीरेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक जगदीश के नाम से कोई ज़मीन नहीं थी. वह शराब के आदी थे और शुक्रवार को उनके परिवार में विवाद हुआ था.
मंदसौर ज़िले में छह जून को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों के मारे जाने के बाद प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में कई घोषणाएं की हैं.
इससे पहले आठ जून से लेकर 15 जून तक 11 अन्य किसानों ने भी मध्य प्रदेश के विभिन्न भागों में क़र्ज़ से परेशान होकर आत्महत्या की है.
जिन 12 किसानों ने आत्यहत्या की है, उनमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर के सबसे ज़्यादा चार किसान हैं, जबकि होशंगाबाद ज़िले के दो किसान हैं और विदिशा, रायसेन, बालाघाट, बड़वानी, धार और शिवपुरी ज़िले के एक-एक किसान शामिल हैं.
नसरूल्लागंज के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) एचएस चौधरी ने बीते शुक्रवार को बताया कि सीहोर ज़िले के लाचौर गांव के मुकेश यादव (23) ने 15 जून को अपने खेत में ज़हर खा लिया. उन्हें नसरूल्लागंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें भोपाल भेज दिया गया. भोपाल में इलाज के दौरान 16 जून को उन्होंने दम तोड़ दिया.
मुकेश के परिजनों के अनुसार उसके पास केवल डेढ़ एकड़ जमीन थी और काफी दिनों से पेट की बीमारी सहित अच्छी फसल न होने के कारण वह परेशान थे.
इसके अलावा सीहोर ज़िले के ग्राम बापचा कला निवासी किसान खाजू ख़ान (75) का शव 16 जून की सुबह उन्हीं के खेत पर सीताफल के पेड़ पर लटका हुआ मिला.
सिद्धिकगंज थाना प्रभारी आरएस चौधरी ने बताया कि मृतक के परिजन के अनुसार, खाजू ख़ान रोजाना की तरह बुधवार की रात को भी खेत पर सोने के लिए गए थे. पुलिस ने मामला दर्ज़ कर जांच शुरू कर दी है.
खाजू ख़ान के दूसरे बेटे साबिर ख़ान ने बताया कि उसक पिताजी अपने खेतों के लिए खाद और बीज की व्यवस्था नहीं कर पा रहे थे, इसलिए परेशान थे. उनकी फसल भी अच्छी नहीं हो रही थी.
इससे पहले आठ जून से लेकर 15 जून तक नौ अन्य किसानों ने भी मध्य प्रदेश के विभिन्न भागों में क़र्ज़ से परेशान होकर आत्महत्या की है.
जिन नौ किसानों ने आत्यहत्या की थी, उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर के रेहटी पुलिस थाना क्षेत्र के जाजना गांव का किसान दुलचंद कीर (55) और जोगड़खेड़ी गांव के बीएएमएस (आयुर्वेद डॉक्टर) डिग्री धारी किसान बिशन सिंह राजपूत (42), होशंगाबाद ज़िले के भैरोपुर गांव के रहने वाला किसान कृपाराम (68) और चपलासर गांव के किसान नर्मदा प्रसाद यादव (50) और विदिशा ज़िले के किसान हरीसिंह जाटव (40) शामिल हैं.
इनके अलावा, रायसेन ज़िले के सागोनिया गांव के किसान किशनलाल मीणा (45), बालाघाट ज़िले के बल्लारपुर निवासी किसान रमेश बसेने (40), बड़वानी ज़िले के ग्राम पिस्नावल का किसान शोमला (60) और शिवपुरी जिले के विनेका गांव का किसान कल्ला केवट (55) शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)